Mantra in Hindi: हिंदू धर्म में ईश्वर की प्रार्थना का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति नियमित तौर पर पूजा-पाठ इत्यादि करता है, उसके जीवन में ईश्वर अपनी कृपा दृष्टि सदैव बनाए रखते हैं.
ऐसे में यदि आप ईश्वर की पूजा रोजाना करते हैं और अपने जीवन के हर काम और क्षेत्र में सफलता पाने के लिए ईश्वर की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं, इसके साथ ही आप अपने जीवन में तरक्की और सफलता अर्जित करना चाहते हैं,
आपको अवश्य ही उपरोक्त 5 मंत्रों का नियमित तौर पर जाप करना चाहिए, जिनके जाप मात्र से आपको अपने जीवन की अधिकांश समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा. तो चलिए जानते हैं…

5 मंत्र जिनका रोजाना जाप करने से होगा लाभ
ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते।
ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥
उपरोक्त मंत्र से तात्पर्य यह है कि ईश्वर परिपूर्ण है और यह संपूर्ण संसार भी उस ब्रह्म शक्ति से ही पूर्ण हुआ है, क्योंकि इस संपूर्ण संसार की उत्पत्ति ईश्वर के माध्यम से ही हुई है.
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम
भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात॥
तात्पर्य यह है कि हे ईश्वर हमारे हृदय में पूर्ण रूप से अंधकार व्याप्त है, कृपया इस अंधकार को दूर करके हमारे भीतर रोशनी का प्रकाश करें, हमारी बुद्धि को विकसित का हमें सच्चा ज्ञान प्रदान करें.

ॐ असतो मा सद्गमय ।तमसो मा ज्योतिर्गमय ।
मृत्योर्मा अमृतं गमय । ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
उपरोक्त मंत्र का तात्पर्य है कि हे ईश्वर आप हमें सत्य का रास्ता दिखाओ, मेरे भीतर मौजूद अंधकार और अज्ञान को दूर कर मुझे प्रकाश और सच्चे ज्ञान की राह पर ले जाओ. मृत्यु को प्राप्त होने के बाद भी मुझे मेरे कर्मों का फल प्राप्त होना चाहिए, यही मेरे जीवन की सच्चा मोक्ष प्राप्ति है.
सर्वेषां स्वस्ति भवतु । सर्वेषां शान्तिर्भवतु ।
सर्वेषां पूर्नं भवतु । सर्वेषां मड्गलं भवतु ॥
सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
ॐ शांति शांति शांति
इस मंत्र का तात्पर्य यह है कि दुनिया में सब व्यक्तियों को खुशी मिले, सबको शांति प्राप्त हो, सब लोग सुखी हो और स्वस्थ हो, इस संसार में कोई भी प्राणी दुखी ना हो और सभी का कल्याण हो.
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ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
उपरोक्त मंत्र के अनुसार, भगवान शिव जिनके त्रिनेत्र है, और जिनकी सांस में जीवन की शक्ति का संचार होता है और वही जगत का पालन करते हैं. हे भोलेनाथ आप हमें अमरत्व से नहीं बल्कि मृत्यु से मुक्ति दिला दें.