Char dham Yatra 2022: तो क्या हमेशा के लिए लुप्त हो जाएगा बद्री धाम, जानिए इसके पीछे का सच…
Char dham Yatra 2022: चार धाम की यात्रा शुरू हो चुकी है. ऐसे में इस बार भी हर साल की तरह चार धाम आने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है. जिसके चलते सम्पूर्ण भारतवर्ष से पर्यटक देवभूमि स्थित छोटे चार धाम की यात्रा पर आ रहे हैं. इस दौरान वह चारों ही धामों जैसे, केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन करके अपने जीवन को सफल बनाएंगे. ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको बद्रीनाथ के भविष्य और इतिहास के बारे में बताएंगे. हमारे इससे पहले लेख में हमने आपको पंच केदार के बारे में बताया था. अब हम आपको बाबा बद्री के बारे में बताएंगे. कहा जा रहा है कि निकट भविष्य में बद्रीनाथ लुप्त हो जाएगा. जिसके पीछे क्या कारण है और क्या कहानी है? हमारे आज के इस लेख में हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं क्या है सच्चाई…
इससे पहले जान लेते हैं बद्रीनाथ का इतिहास…
बद्रीनाथ देश के प्रमुख चार धामों में से एक है. जोकि उत्तराखंड में स्थित है. ये हिमालय की चोटियों में समुन्द्र तल से लगभग 3,050 मीटर ऊंचाई पर स्थित एक पावन धाम है. जिसे धरती का आंठवां वैकुंठ धाम कहा जाता है.कहते हैं जगत के पालनहार यहां 6 महीनों तक विश्राम करते हैं, और बाकी छह महीने अपने भक्तों से मिलते हैं. यही कारण है कि यहां बद्री विशाल की मूर्ति ध्यान की अवस्था में मौजूद है. दूसरा, श्री हरी के इस धाम का नाम बद्री इसलिए पड़ा, क्योंकि यहां के जंगलों में अनेक प्रकार की बेरी पाई जाती हैं.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब धरती पर गंगा मां आई थी. तब वह 12 धाराओं में फैल गई थीं. जिसमें से एक धारा अलकनंदा नाम से बद्रीनाथ के निकट निकलती है. तभी से इसे श्री हरी के धाम के तौर पर जाना जाता है. जबकि दूसरी मान्यता के अनुसार, यहां मौजूद दिव्य पत्थर में जब आदि शंकराचार्य को नारायण के अवतार नरसिंह की आकृति दिखाई दी. तभी से इस धाम की महत्ता बढ़ गई. वर्तमान में नरसिंह के आकृति वाली इस प्रतिमा को बद्री धाम के जोशीमठ स्थान पर ले जाया गया. जहां हर साल छह महीने नारायण की इस प्रतिमा के दर्शन भक्तों को कराए जाते हैं.
तो इस कारण लुप्त हो जाएगा बद्रीधाम…
कहते हैं कि जैसे जैसे बद्री धाम में मौजूद नरसिंह अवतार की प्रतिमा में नारायण भगवान का एक हाथ पतला होता जाएगा. और एक दिन वह उनकी प्रतिमा से निकलकर अलग हो जाएगा. तब जाकर जय और विजय भी आपस में मिल जाएंगे और बद्रीनाथ जाने का मार्ग पूर्णतया बंद हो जाएगा. उसी दिन से बद्रीनाथ धाम लुप्त हो जाएगा और भविष्य में एक नए बद्री धाम की स्थापना होगी. और निकट भविष्य में ऐसा तब होगा जब भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेंगे, और कलियुग का अंत करके सतयुग की स्थापना करेंगे. उसी दौरान एक नए बद्री धाम की स्थापना होगी.