Dhanteras 2022: 23 अक्टूबर को मनाई जा रही धनतेरस की खुशियां, त्रिपुष्कर योग से होगा सबका कल्याण
हिंदू धर्म में धनतेरस पर्व का विशेष महत्व है. जिसे हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस का पर्व आते ही, दीपावली का पर्व शुरू हो जाता है. धनतेरस का यह पर्व धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि इस दिवस पर सोना, चांदी की धातुओं के आभूषणों, बर्तन खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिवस पर आभूषण खरीदने से धातु का लाभ दुगुना प्राप्त होता है।
हालांकि हर वर्ष धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. लेकिन इस हिंदू कैलेंडर धार्मिक तिथि के अनुसार इस साल धनतेरस का पर्व मनाने में काफी असमंजस बना हुआ है. दरअसल, इस वर्ष 2022 में धनतेरस पर्व की तिथि 22 अक्टूबर से शुरू होगी और 23 अक्टूबर की शाम को समाप्त हो जाएगी।
तो आइए जान लेते हैं, इस साल धनतेरस पर्व का शुभ मुहूर्त क्या है और इस पर्व का क्या महत्व है।
कब मनाया जाए धनतेरस का पर्व कृष्ण त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 22 अक्टूबर, शाम 06:02 कृष्ण त्रयोदशी तिथि समापन: 23 अक्टूबर, शाम 06:03 त्रयोदशी की उदया तिथि: 23 अक्टूबर की मानी जाएगी. जिसके आधार पर पूरे भारतवर्ष में धनतेरस का पर्व इसी दिन मनाया जाएगा।
इस धनतेरस पर बन रहा है शुभ योग इस साल धनतेरस के पर्व में बेहद शुभ योग बन रहा है. जिसमें त्रिपुष्कर योग और स्वार्थ सिद्धि योग विशेष है. इन शुभ योगों का लाभ तीन गुना तक प्राप्त होगा. सर्वार्थ सिद्धि योग शुभ लाभ का योग बनाता है. इस योग में पूजा करने से सभी स मनोकामनाएं सिद्ध होती हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग: 23 अक्टूबर, सुबह 6:32 से दोपहर 2:33 पर रहेगा त्रिपुष्कर योग: दोपहर 01:50 से शाम 06: 02 तक
धनतेरस के दिन अवश्य करें यह काम
धनतेरस के दिन आप अपने घर के आंगन और घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाकर रखें. धनतेरस के पर्व पर झाड़ू खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. इसी के साथ धनतेरस के पर्व पर धनिया तथा धनिया के बीज खरीदना भी काफी शुभ माना गया है. धनतेरस के दिन बाद माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है. इसी के साथ धनतेरस के दिन कुबेर जी और धनवंतरी देवता की पूजा अर्चना करना भी शुभ होता है.