Durga Puja 2022: नवरात्रि के 6वें दिन से शुरू होती है दुर्गा पूजा, जानिए क्यों है बंगाल में इतनी प्रसिद्ध?
Durga Puja 2022: हिंदू धर्म में देवी दुर्गा को प्रमुख देवी का दर्जा दिया गया है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति अपने जीवन में देवी दुर्गा की सच्चे मन और श्रद्धा के साथ आराधना करता है. देवी दुर्गा उसके जीवन में सदैव अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखती हैं.
ऐसे में नवरात्र के दिनों में देवी माता समेत उनके नौ रूपों की विधि विधान से आराधना की जाती है. इसी दौरान नवरात्रि के छठवें दिन यानी कि कल दुर्गा पूजा का पर्व भी मनाया जाएगा. दुर्गा पूजा का पर्व मुख्य रूप से बंगाल समेत पूरे भारत में मनाया जाता है. जो कि इस बार 1 अक्टूबर से शुरू होकर 5 अक्टूबर तक चलेगा.
इस दौरान बंगाल में देवी दुर्गा के भव्य स्वरूप को पूजा जाता है. ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि दुर्गा पूजा का पर्व बंगाल में इतनी धूमधाम से क्यों मनाया जाता है, और इस दिन पूजन विधि और शुभ मुहूर्त क्या रहेगा? तो चलिए जानते हैं…
दुर्गा पूजा के पर्व का महत्व और पूजन विधि
देवी दुर्गा के प्रति अपनी भक्ति को प्रकट करने के लिए उनके भक्त दुर्गा पूजा के दौरान संपूर्ण श्रद्धा भाव के साथ उनकी आराधना करते हैं. दिन बंगाल में देवी दुर्गा की भव्य कार वाली मूर्तियां बनाकर जय जयकार की जाती है. इतना ही नहीं बंगाल में दुर्गा पूजा के दिन दुर्गा माता के पंडाल सजाए जाते हैं और शुभ मुहूर्त में उनका पूजन किया जाता है.
बंगाल में दुर्गा पूजा का विशेष धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व है, माना जाता है कि देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध करके मानव जाति का उद्धार किया था. ऐसे में देवी दुर्गा के प्रति अपने अनन्य भक्ति भाव को दर्शाने के उद्देश्य दुर्गा पूजा का पर्व मनाया जाता है.
दुर्गा पूजा का पर्व गणेश चतुर्थी की भांति मनाया जाता है, जिसके चलते देवी दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है, और अगले बरस देवी दुर्गा के आशीर्वाद को पाने की कामना की जाती है. बंगाल में दुर्गा पूजा के दौरान कुंवारी कन्याओं को माता के स्वरूप की भांति सजाया जाता है,
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और संपूर्ण बंगाल में नारी जाति की शक्ति का प्रदर्शन देवी माता की आराधना के माध्यम से किया जाता है. इसलिए बंगाल में देवी दुर्गा का यह पर्व बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.