Hindu Tradition: नन्हें मुन्नों के हाथ-पैरों में क्यों पहनाई जाती है चांदी? ये है प्रमुख वजह
Hindu Tradition: जब भी किसी के यहां कोई नन्हा मेहमान आता है. तो उस बच्चे के रिश्तेदार उसके लिए तरह तरह की चीजें लेकर आते हैं. कोई उसके लिए कपड़े, तो कोई खिलौने लेकर आता है. जबकि वहीं कई लोग छोटे बच्चे के लिए चांदी के जेवरात भी लेकर आते हैं. ऐसे में जहां लड़के के लिए चांदी के कड़े और लड़की के लिए चांदी की पायलें लाई जाती हैं.
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ऐसे काफी लम्बे समय से चलता आ रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि छोटे बच्चों को चांदी के कड़े और पैरों में पायल क्यों पहनाई जाती है, इसके पीछे छुपा वैज्ञानिक और धार्मिक कारण जानने के लिए हमारे लेख को अंत तक पढ़ें. तो चलिए जानते हैं…
बच्चों को चांदी पहनाने के पीछे क्या है कारण?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो छोटे बच्चों को चांदी इसलिए पहनाई जाती है, क्योंकि चांदी एक ऐसी धातु है, जोकि किसी भी व्यक्ति के शरीर की ऊर्जा को रोके रखने में सहायक है.
ऐसे में माना जाता है कि किसी भी व्यक्ति के शरीर से ऊर्जा सबसे पहले हाथ और पैरों से ही निकलती है. ऐसे में बच्चों के हाथ में कड़े और पायल इसलिए पहनाई जाती है, ताकि बच्चे की शरीर की आंतरिक ऊर्जा बनी रहे.
इसके अलावा, चांदी बच्चों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने में सहायक है. जोकि बच्चों के शरीर में मौजूद बैक्टीरिया और जीवाणुओं से लड़ती है.
चांदी बच्चों के मन मस्तिष्क का विकास करने में सहायक है, जिससे बच्चों को मानसिक शांति का भी अनुभव होता है.
चांदी बच्चों के शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास में भी सहायक है, जोकि बच्चों को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है. इस प्रकार, चांदी जोकि चंद्रमा की धातु है. उससे जुड़े जेवरात बच्चों को पहनाने से बच्चों को सुरक्षित रखा जा सकता है.