शिवरात्रि पर ऐसे करें महादेव को प्रसन्न, व्रत विधि औऱ महत्व

 
शिवरात्रि पर ऐसे करें महादेव को प्रसन्न, व्रत विधि औऱ महत्व

हिंदू धर्म में शिवरात्रि एक प्रमुख त्योहार के रूप में मनायी जाती है. महाशिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित है. वर्ष की 12 शिवरात्रियों में फागुन मास की महाशिवरात्रि को महत्वपूर्ण माना जाता है. हर जगह महाशिवरात्रि का पर्व बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है.

महाशिवरात्रि

प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व फागुन मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. बहुत से लोग महाशिवरात्रि का पर्व कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी मनाते हैं. ऐसा माना जाता है कि जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ था. तो उसी दिन मध्यरात्रि में भगवान शिव का ब्रह्मा से रूद्र के रूप में अवतरण हुआ. और भगवान शिव प्रलय की वेला में तांडव करके ब्रह्मांड को अपने तीसरे नेत्र की ज्वाला से नष्ट कर देते हैं. इसीलिए महाशिवरात्रि अथवा कालरात्रि कहा जाता है. यह भी कहा जाता है कि इस दिन मां पार्वती और शिव का विवाह हुआ था. बहुत लोग शिव पार्वती की विवाह का आयोजन भी करते हैं.कुछ लोग पूजा अर्चना करके रात्रि जागरण करते हैं. इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च दिन गुरुवार को मनाया जाएगा.

WhatsApp Group Join Now

शिवरात्रि पूजन विधि एवं महत्व

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना विशेष उत्तम माना जाता है.

-इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र पहनें. और व्रत का संकल्प लें.
-किसी शिव मंदिर या घर पर ही विधि अनुसार पूजन करें.
-महाशिवरात्रि के दिन शिव पूजन से पहले नदी का पूजन अवश्य करें.
-भगवान का रुद्राभिषेक अलग-अलग तरह से किया जाता है. गन्ने के रस द्वारा करने पर धन संपत्ति में बढ़ोतरी होती है.
-शहद और घी से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने पर आर्थिक दिक्कतें दूर होती हैं.
-पंचामृत से रुद्राभिषेक करने पर रुके हुए धन की प्राप्ति होती है.
-भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, चंदन, पुष्प, धूप, दीप आदि अर्पित करें. और मन ही मन 'ओम नमः शिवाय' का जाप करते रहे.
-खीर का भोग लगाकर, आरती करें.
-अंत में परिक्रमा लगाकर भगवान का आशीर्वाद ग्रहण करें.
-यदि कोई जातक व्रत पूरे दिन नहीं रख सकता है. तो वह पूजन करके शुद्ध शाकाहारी भोजन कर सकता है.
-कुंवारी कन्या महाशिवरात्रि का व्रत रखकर अच्छे और मनचाहे वर की प्राप्ति कर सकती हैं.
-यह महापर्व साधकों को मनवांछित फल, धन, सौभाग्य और समृद्धि देने वाला है.

जरूर पढ़े:-

समुद्र मंथन क्यों करना पड़ा…जानिए कारण

Tags

Share this story