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Kanya pujan 2023: इस एक कार्य के बिना अधूरा रह जाता है कन्या पूजन, नहीं मिलती है माता रानी की कृपा…

 

Kanya pujan 2023: हिंदू धर्म में माता रानी के नौ रूपों की आराधना हेतु नवरात्र का पर्व मनाया जाता है. नवरात्रि में माता रानी के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है, ऐसे में माता रानी का जो भी भक्त नवरात्रि के दिनों में माता रानी के नौ स्वरूपों की उपासना करता है, उस पर माता रानी अपनी विशेष कृपा दृष्टि बनाए रखती हैं. इन दिनों चैत्र नवरात्र मनाए जा रहे हैं और अष्टमी और नवमी के दिन कन्या भोज का आयोजन किया जाएगा. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि कन्या भोज के दौरान एक लंगूर यानि एक लड़के को क्यों बैठाया जाता है? हमारे आज के इस लेख में हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं.

नवरात्र में कन्या भोजन के दौरान क्यों होती है एक लड़के की पूजा?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दिनों में कन्या भोज के साथ एक लड़के को भी बैठाया जाता है. इसके पीछे मान्यता यह है कि नवरात्र में कन्या भोज के दौरान एक लांगुर को भी पूजे जाने की प्रथा है.

जिस तरह से ही वैष्णो देवी के दर्शन बिना भैरव देवता के दर्शन के अधूरे माने जाते हैं, ठीक उसी प्रकार से कन्या भोज के दौरान एक बालक को बिना बिठाए यह प्रथा अधूरी मानी जाती है.

इसलिए नवरात्रों में 9 कन्याओं के साथ एक लड़के का भी पूजन किया जाता है. नवरात्रों में जहां कन्या भोज में आने वाली छोटी-छोटी कन्याओं को माता रानी का रूप कहा जाता है, तो वहीं लांगुर को हनुमान जी का रूप माना गया है.

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नवरात्र में विशेष तौर पर करीब 10 वर्ष तक की नौ कन्याओं को पूजे जाने का प्रावधान है, इसके साथ एक लांगुरिया यानि एक बालक को बिठाया जाता है. आप जिस तरह से कन्याओं का पूजन करते हैं, उसी तरह से आपको लंगूर का भी पूजन करना आवश्यक है, तभी माता रानी आपसे प्रसन्न होती हैं.