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Karwa Chauth 2022: इस दिन चंद्रमा को देखकर क्यों खोला जाता है व्रत? जानिए धार्मिक कारण

 

Karwa Chauth 2022: हिंदू धर्म में चांद, सूरज, तारे, जल, आग सभी प्राकृतिक चीजों में भगवान का वास बताया है. यही कारण है कि हिंदू धर्म की विभिन्न पूजा पाठ में इन प्रकृति तत्वों का पूजन किया जाता है. इसी के साथ हर वर्ष हिंदू धर्म में करवा चौथ का पर्व भी मनाया जाता है.

करवा चौथ सुहागिनों महिलाओं के लिए एक खास व महत्वपूर्ण होता है. करवा चौथ का यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है. इस वर्ष 2022 में करवा चौथ का यह व्रत 13 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं.

इस दिन पूरा दिन निर्जला व्रत रखा जाता है. इस व्रत को रात में चंद्र देव के दर्शन के बाद व उन्हें अर्घ्य देकर खोला जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस व्रत में चंद्र देव का क्या महत्व है?

आखिर चंद्र देव के दर्शन और उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही इस व्रत को पूर्ण क्यों माना जाता है?

दरअसल इसके पीछे रामायण से जुड़ी एक विशेष कथा है. रामायण के अनुसार एक बार श्रीराम ने चंद्रमा को देखकर यह प्रश्न किया कि आखिर चंद्रमा में कालापन किस लिए हैं? इस प्रश्न का उत्तर अपने विचार से लोगों ने अलग-अलग दिया.

सभी के प्रश्नों को सुनने के बाद श्रीराम ने उत्तर दिया कि चंद्रमा में एक ऐसा विष है जो वियोगी नर नारियों को दुख पहुंचाता है. इसी विष के कारण चंद्रमा में कालापन दिखाई देता है. मनोवैज्ञानिक के अनुसार जब पति पत्नी एक दूसरे से किसी कारणवश अलग हो जाते हैं.

चंद्रमा की किरणे उनके लिए बेहद दुखदाई हो जाती हैं. यही कारण है कि करवा चौथ पर महिलाएं चंद्रमा की पूजा करके और उन्हें अर्घ्य देकर उनसे यह प्रार्थना करती है कि उन्हें कभी अपने पति से अलग ना रहना पड़े. साथ ही उनका दांपत्य जीवन सदा खुशहाली से व्यतीत हो.

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13 अक्टूबर के दिन करवा चौथ के लिए शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:21 से दोपहर 12:07
अमृत काल: शाम 04:08 से शाम 05:50
चंद्रोदय समय: रात 08:16 पर
सर्वाधिक शुभ मुहूर्त: शाम 05: 46 तक रहेगा