Khajrana Ganesh Mandir: गणेश जी के अनेक मंदिर संपूर्ण विश्व में विख्यात है. जिनमें से एक मंदिर मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भी स्थित है. जिसे खजराना गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है.
इंदौर में स्थित गणेश जी के मंदिर में बेहद आश्चर्यजनक चमत्कार देखने को मिलते हैं. यह मंदिर आज से करीब 223 साल पुराना है, जहां पर भगवान की मूर्ति के नीचे पट भी मौजूद ही नहीं है.
1785 में इस मंदिर का निर्माण हुआ था, जिस पर औरंगजेब जैसे मुगल शासकों ने कई बार आक्रमण भी किया है. जबकि माता अहिल्या बाई ने अपने शासनकाल में भगवान गणेश के इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया,
आज भगवान गणेश का यह खजराना मंदिर बेहद लोकप्रिय है. जिसके चमत्कारों के बारे में आगे हम जानेंगे. चलिए जानते हैं…
खजराना मंदिर से जुड़े रहस्य के बारे में
खजराना मंदिर में मिलने वाले लड्डू बेहद स्वादिष्ट और लोकप्रिय हैं, जिसे चखने के लिए लोग यहां दूर-दूर से आते हैं. यहां का प्रसाद इतना प्रसिद्ध है कि इसको भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण ने सबसे सुरक्षित भोग स्थान का नाम दे रखा है.
यह भारतवर्ष का ऐसा मंदिर है जहां गणेश जी के भक्त उन्हें धन के अलावा सोना-चांदी और अनेक तरह के जेवरात भी चढ़ाते हैं.
खजराना मंदिर में मौजूद गणेश जी की मूर्ति में आंखों हीरे से जड़ा गया है, जिस कारण यह मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है, जिसकी गर्भ ग्रह और छतों पर चांदी लिपटी हुई है.
एक सर्वे के मुताबिक खजराना मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति का श्रृंगार ढाई करोड़ के गहनों से हुआ है. यहां तक कि इस मंदिर में लोग धनसंपदा और अब तक भगवान गणेश के नाम कर देते हैं.
इस मंदिर में आकर जो भी व्यक्ति अपनी मनोकामना को मांगता है, वह सबसे पहले यहां पर भगवान गणेश जी की पीठ की और बनी दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाता है, उसके बाद मनोकामना पूर्ण हो जाने पर आकर सीधा स्वास्तिक बनाया जाता है.
जो लोग अपने नवजात शिशुओं को भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए ले जाते हैं, वहां वह अपनी नवजात शिशु के वजन के हिसाब से लड्डू का भोग चढ़ाते हैं.
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कहा जाता है कि जब औरंगजेब इस मंदिर की मूर्ति को तोड़ने आया तब इस मंदिर की मूर्ति को कुएं में छुपा दिया गया था, हालांकि आज भी यह रहस्य बना हुआ है कि खजराना गणेश मंदिर में गणेश जी की मूर्ति कैसे उत्पन्न हुई.
खजराना गणेश मंदिर में रोजाना 1000 लोगों को निशुल्क भोजन कराया जाता है और यहां सवा सौ करोड़ की आबादी से ज्यादा भक्त देश विदेश से दर्शन के लिए पहुंचते हैं.