जानिए मीन संक्रांति 2021 का महत्व और पूजा विधि

 
जानिए मीन संक्रांति 2021 का महत्व और पूजा विधि

ज्योतिष शास्त्रों में मीन संक्रांति का विशेष महत्व माना जाता है. वैसे हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक महीने में एक सक्रांति होती है. उसी हिसाब से 1 वर्ष में 12 संक्रांति मनाई जाती है. मीन संक्रांति साल के आखिरी महीने में होती है. दक्षिण भारत के लोग इसे 'मीन संक्रमण' भी कहते हैं. खासतौर पर यह पर्व उड़ीसा में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. प्रत्येक सक्रांति की तरह इस पर भी दान करने का अपना अलग ही महत्व होता है.

मीन संक्रांति

एक वर्ष में 12 सक्रांति तिथि पड़ती हैं. ऐसा माना है कि जब सूर्य 12 महीनों के हिसाब से प्रत्येक राशि में प्रवेश करता है तो वह दिन संक्रांति तिथि कहलाती है. ऐसे ही जब सूर्य साल के आखिरी माह में मीन राशि में प्रवेश करते है तो वह तिथि मीन संक्रांति कहलाती है. और यह माह मलमास कहलाता है. ऐसा माना जाता है कि मलमास के महीने में कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. वर्ष 2021 में मीन सक्रांति का पर्व 14 मार्च, दिन रविवार को पड़ रहा है.

WhatsApp Group Join Now

शुभ तिथि एवं मुहूर्त

मीन सक्रांति 2021- 14 मार्च, दिन रविवार, मीन सक्रांति का क्षण शाम 6 बज कर 18 मिनट से

पुण्य काल का समय एवं अवधि- समय शाम 6 बज कर 18 मिनट से शाम 6 बजकर 29 मिनट तक, अवधि 11 मिनट

महत्व एवं पूजा विधि

मीन सक्रांति का महत्व ज्योतिष शास्त्रों में बहुत है. और साथ ही प्राकृतिक दृष्टि से देखा जाए तो यह तिथि बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है. क्योंकि इस दिन से ही सूर्य के उत्तरायण होने पर दिन का समय बढ़ जाता है और रात्रि छोटी होने लगती है. ऐसा माना जाता है कि प्रकृति का नया सृजन होता है. इस दिन भगवान सूर्य की आराधना, पूजा करने से ऊर्जा प्रदान होती है और नकारात्मकता का अंत होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सक्रांति पर गंगा यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं. इस पर्व को देशभर के लोग उत्साह और उल्लास के साथ मनाते हैं.

-इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सुबह सूर्योदय के समय किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए.
-यदि किसी कारणवश पवित्र नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं, तो घर पर ही शुद्ध जल में गंगाजल डालकर स्नान करें.
-फिर भगवान सूर्य को अर्घ्य यानी जल अर्पण करें.
-किसी मंदिर में जाकर या घर के मंदिर में भगवान के दर्शन करें और धूप, दीप जलाकर पूजा-अर्चना करें.
-इस दिन भूमि दान महादान माना जाता है.
-ब्राह्मण गरीबों या जरूरतमंदों को की मदद करें और उन्हें अन्य धन वस्त्र आदि का दान दें.
-पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई से संबंधित कुछ वस्तुएं दान करें.
-इस सक्रांति को गौ माता को चारा और पानी जरूर पिलाएं.
-सक्रांति के पर्व पर सूर्य देव की आराधना करने से अच्छे स्वास्थ्य की कामना पूर्ण होती है.

जरूर पढ़ें:-

होलाष्टक 2021 में कौन से कार्य नहीं करने चाहिए

Tags

Share this story