Sankashti Chaturthi vrat: चैत्र के महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के तौर पर मनाया जाता है. इस बार 11 मार्च यानि आज के दिन संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है, चैत्र के महीने में मनाए जाने की वजह से इसे इसे भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. आज शनिवार के दिन जहां सभी लोग शनिदेव की आराधना करते हैं, ऐसे में आप संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत का संकल्प लेकर भगवान गणेश की भी कृपा प्राप्त कर सकते हैं.

तो यदि आप आज के दिन गणपति बप्पा के व्रत का संकल्प लेते हैं, तो आपकी सारी मनोकामना ओं को गणपति जी करते हैं. इसके साथ ही वह आपके सारे दुखों को भी हर लेते हैं. तो चलिए जानते हैं….
चतुर्थी आरंभ- 10 मार्च को रात 9 बजकर 42 मिनट से शुरू
चतुर्थी समाप्त- 11 मार्च को रात 10 बजकर 5 मिनट तक
भालचंद्र से संकष्टी चतुर्थी पर व्रत की विधि
1. आज के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि से निवृत होकर गणेश जी के व्रत का संकल्प लें.
2. गणेश जी की प्रतिमा को स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें. इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा को स्वच्छ कर उन पर जल अर्पित करें.

3. इसके बाद गणेश जी को फूल, रोली, दूर्वा, चावल, माला इत्यादि चढ़ाएं.
4. भोग के तौर पर गणेश जी को तिल, गजक, मोदक, गुड़, लड्डू और चंदन इत्यादि अर्पित करें.
5. पूरे दिन भगवान गणेश की आराधना करते हुए उनके व्रत का विधि विधान से पालन करें.
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तत्पश्चात रात्रि के समय भगवान गणेश जी के व्रत को पूर्ण करने से पहले चंद्रमा को अर्घ्य दें. इस दौरान आप सबसे पहले गणेश जी की आरती भी अवश्य गाएं. फिर भगवान गणेश जी से अपने पापों के लिए क्षमा मांगे और हाथ जोड़कर उन्हें प्रणाम करें.