Satyanarayan puja: सत्यनारायण की पूजा कब कराएं, जिससे मिले दोगुना फल

 
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Satyanarayan puja: भगवान सत्यनारायण को हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. अक्सर लोग अपने घरों में सत्यनारायण की कथा करते हैं. सत्यनारायण की पूजा का विशेष धार्मिक महत्व है. भगवान सत्यनारायण ((bhagwan satyanarayan) को विष्णु जी का ही अवतार कहा गया है और विभिन्न शुभ अवसरों पर सत्यनारायण भगवान की पूजा कराई जाती है.

वैसे तो ईश्वर की पूजा करने का कोई सही समय नहीं होता, आप जब चाहे ईश्वर को याद कर सकते हैं, लेकिन ज्योतिष शास्त्र (jyotish shastra) के अनुसार अगर आप ईश्वर की पूजा शुभ मुहूर्त में करें, तो अवश्य ही आपको पूजा का दोगुना फल मिलता है.

ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि सत्यनारायण भगवान की पूजा कब और किस समय करनी चाहिए? चलिए जानते हैं... 

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सत्यनारायण भगवान की पूजा का सही दिन और समय

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सत्यनारायण भगवान की पूजा पंचांग देखकर शुभ मुहूर्त में कभी भी कर सकते हैं. सत्यनारायण भगवान की पूजा अक्सर लोग नए घर की स्थापना, शादी-विवाह के बाद और किसी काम के पूरा होने पर करते हैं.

इसके अलावा आप यदि सत्यनारायण भगवान की पूजा एकादशी (ekadashi) वाले दिन करते हैं, तो इसे विशेष तौर पर फलदाई माना गया है. सत्यनारायण भगवान की पूजा आप पूर्णिमा वाले दिन भी कर सकते हैं, जिसे काफी पुण्यदायी मानते हैं. सत्यनारायण भगवान की उपासना आप गुरुवार के दिन भी कर सकते हैं, तब भी आपके जीवन में सुख शांति समृद्धि का वास होता है.

सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ करने पर प्रत्येक घर के सदस्य को उसमें सम्मिलित होना चाहिए, अन्यथा कथा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता. सत्यनारायण भगवान की पूजा में पंचामृत और पंजीरी का भोग अवश्य लगना चाहिए, वरना भगवान सत्यनारायण आपकी मनोकामना पूर्ण नहीं करते.

सत्यनारायण भगवान की पूजा में केले के पत्तों का विशेष प्रयोग किया जाता है, इसके बिना भगवान सत्यनारायण की उपासना अधूरी मानी जाती है. इस प्रकार आप भगवान सत्यनारायण की पूजा यदि एकादशी, पूर्णिमा (purnima) और गुरुवार (guruwar) के दिन आयोजित करते हैं, तो आपको इसका दोगुना फल प्राप्त होता है.

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