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सावन मास शनि से पीड़ित लोगों के लिए है वरदान, जानें यहां...

 

तीनों लोक के न्यायधीश शनिदेव से कौन नहीं डरता उनकी वक्री दृष्टि से हर कोई खौफ खाता है. कहते हैं न्याय करते वक्त शनि किसी से न तो प्रभावित होते हैं और न ही किसी से डरते हैं.

हमेशा निष्पक्ष होकर न्याय करते हैं और वो इसलिए क्योंकि दंडाधिकारी का ये कार्यभार उन्हें देवों के देव महादेव ने सौंपा है. आपको बता दें कि शिव-शनि के बीच खास तरह का संबंध है.

पौराणिक कथाओं में शिव को शनि का गुरु बताया गया है.  कहा जाता है कि शिव के कृपा से ही यम के भाई शनि को दंडाधिकरी चुना गया है कहते हैं.

अपने तप से शनि ने ना सिर्फ शिव के मन को जीता बल्कि उन्हें अपना गुरु भी बनाया. कहते हैं, जिसके मन में गुरु के लिए सम्मान होता है. उसके क़दमों में एक दिन ये सारा जहान होता है.

अपने गुरु के लिए शनि के मन में कितना प्रेम और सम्मन है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जाता है शिव भक्तों को शनि की पीड़ा से नहीं गुजरना पड़ता है.

इतना ही नहीं जिन लोगों पर शनि की ढैया या फिर साढ़ेसाती भी चल रही हो  शिव भक्ति उन्हें शनि की टेढ़ी दृष्टि से बचाती है. रिमझित-रिमझित बारिश के साथ सावन मास का आगमन भी हो गया है.

25 जुलाई से सावन के सोमवार शुरु हो रहे हैं  जो कि 22 अगस्त तक चलेंगे. शिव को समर्पित सावन के पूरे महीना दण्डाधिकारी शनि वक्री रहेंगे यानी अपनी उल्टी चाल चलेंगे.

शनि की इस वक्री अवस्था में उन लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है जिन पर साढ़ेसाती या फिर ढैया चल रही है. इस समय धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि के जातक जहां शनि की साढ़ेसाती से गुजर रहे हैं.

तो वहीं मिथुन और तुला राशि के जातकों पर ढैया चल रही है. ऐसे में इन पांच राशियों को शिव भक्ति ना सिर्फ इनका कल्याण करेगी, बल्कि शनि के क्रोध से भी बचाकर रखेगी.

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