Shadi ki rasme: शादियों का सीजन हो चुका है शुरू, जानिए विवाह की सबसे पहली रीत के बारे में
Shadi ki rasme: देवउठनी एकादशी के बाद से ही हिंदू धर्म में सारे मांगलिक कार्य होने शुरू हो जाते हैं. इतना ही नहीं, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी के बाद से जगत के पालनहार भगवान विष्णु धरती का कार्य भार संभालते हैं. जिसके बाद से ही हिंदू धार्मिक में विवाह, मुंडन, उपनयन संस्कार इत्यादि शुरू हो जाते हैं.
इसी श्रृंखला में हम आपके लिए हिंदू रीत के मुताबिक होने वाली शादियों के रीति रिवाजों से परिचित कराने वाले हैं, जिसके माध्यम से आपको भी हिंदू धर्म की भूला दी गई रीतों की जानकारी होगी.
तो चलिए जानते हैं, कि विवाह तय होने के उपरांत और पीली चिट्टी भेजने के बाद सबसे पहले कौन सी रीति निभाई जाती है. तो चलिए हमारे लेख में आगे बढ़ते हैं.
शादी की पहली रस्म कौन सी होती है?
हिंदू धर्म में विवाह सबसे पवित्र बंधन और रस्म मानी जाती है. जिसे सबसे बड़ी जिम्मेदारी भी कहा गया है, ऐसे में विवाह के दौरान होने वाले रीति रिवाजों की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है, विवाह से करीब 10 दिन पहले मिट्टी के चूल्हे बनाए जाते हैं.
इस दौरान महिलाएं एक जगह एकत्रित होकर गीत संगीत गाती हैं, और विवाह के उत्साह को बढ़ाती हैं. उसके बाद सभी महिलाएं काली माता की आराधना करती हैं और उन्हें सुहाग का सामान मुख्य रूप से सिंदूर चढ़ाती हैं.
मोहल्ले, कस्बे आदि में लड़के लड़की की शादी के दौरान महिलाएं मिट्टी खोदकर लाती हैं, उससे ही चूल्हे बनाए जाते हैं. इस दौरान महिलाएं अपने अपने घरों के लिए शादी वाले घर से गेहूं और चावल इत्यादि अपने घर ले जाती हैं,
और फिर उनके सिर पर तेल रखकर उनको सिंदूर लगाया जाता है, इसके बाद चूल्हे की रस्म के समय 5 कन्या बुलाई जाती हैं, उनके माथे पर टीका इत्यादि लगाया जाता है, फिर सभी महिलाएं मिलकर गीत संगीत का लुफ्त उठाती हैं.
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शादी वाले घर में चूल्हे की रस्म निभाने के लिए आई महिलाओं को कटोरी में लगाने को तेल दिया जाता है. उसके बाद महिलाएं गीत संगीत गाती हुई मिट्टी से अलग-अलग चूल्हे बनाती हैं,
ये चूल्हे दुल्हन की पहली रसोई का प्रतीक माने गए हैं. ऐसे में आपको अब अवश्य ज्ञात हो गया होगा कि विवाह शादी में सबसे पहले कौन सी रस्म निभाई जाती है.