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Shadi ki rasme: दूल्हा-दुल्हन का क्यों किया जाता है तेल से उबटन, जानिए विवाह की इस अनोखी रीत के बारे में

 

Shadi ki rasme: शादी-विवाह की शहनाईयां बजनी शुरू हो गई हैं. ऐसे में हर कोई शादी-विवाह के कामों में लगा हुआ है. किसी के घर में शादी होने वाली है, तो कोई बेसब्री से किसी की शादी में जाने का इंतज़ार कर रहा है.

जबकि शादी विवाह के घरों में अनेक तरह के रीति-रिवाज मनाए जा रहे होंगे. भारतीय समाज में जब शादी विवाह होते हैं, तब कई सारे रीति रिवाज भी निभाए जाते हैं.

जिसे हिंदू धर्म में बेहद अहम माना गया है, ऐसे में आज हम आपको शादी-विवाह के दौरान तेल उबटन की रस्म के बारे में आपको बताएंगे.

Imagecredit:- thevocalnewshindi

कि आखिर क्यों इस रस्म को पूरे विधि विधान के साथ किया जाता है और इसके पीछे क्या कारण छिपा है? तो चलिए जानते हैं…

शादी के दौरान तेल उबटन की रस्म से होते हैं अनेक फायदे

शादी विवाह के दौरान दुल्हन और दूल्हे दोनों का तेल से उबटन किया जाता है. ये रस्म कहीं पर शादी से एक हफ्ते पहले तो कहीं पर शादी से एक दिन पहले मनाई जाती है. इस दौरान दूल्हा और दुल्हन के हाथ पैरों पर सरसों के तेल, दही, मेहंदी और हल्दी से बना उबटन लगाया जाता है.

Imagecredit:- thevocalnewshindi

जिसे दोनों को धूप घास के माध्यम से लगाया जाता है, इस रस्म को तेल-बान के नाम से भी जाना जाता है. इस दौरान महिलाएं पारंपरिक गीत भी गाती हैं. तेल बान की रस्म के दौरान दुल्हन और दूल्हे को उनके घरों में एक चौकी पर बिठाया जाता है. उसके बाद उनके समीप घर के किसी छोटी लड़की और लड़के को बिठाया जाता है.

फिर लड़का और. लड़की के सिर, माथे, कंधे, हथेली, घुटने और पैर पर घास से हल्दी और तेल मिला उबटन लगाया जाता है. जिसे 7 सुहागिन महिलाएं चढ़ाती और उतराती हैं. इसी समय पूजा के दौरान दुल्हन के हाथ में छड़ी कंगना बांधा जाता है.

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इस रस्म को मनाए जाने का कारण

तेल बान की रस्म इसलिए निभाई जाती है, क्योंकि उबटन हमारे शरीर की गंदगी को निकालकर हमारे अंगों को कोमलता प्रदान करती है और इससे चेहरे का ग्लो भी बढ़ता है. साथ ही हल्दी और तेल का उबटन लगाने से चेहरे पर रौनक आती है और दुल्हन और दूल्हे के चेहरे से नूर की बारिश होती है.