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Shadi ki rasme: मंडप के बिना घर से नहीं उठती है बिटिया की डोली, जानें विवाह की इस रस्म का महत्व

 

Shadi ki rasme: हिंदू धर्म में शादी-विवाह के दौरान कई प्रकार की रस्में निभाई जाती हैं. इन सभी रस्मों को निभाए जाने के पीछे कई सारे कारण और महत्व मौजूद हैं. जिनमें से एक रस्म है मंडप.

आपने अक्सर शादी वालों के घर के आंगन में मंडप को गड़े हुए देखा होगा. जिसके बाद कन्या दान, सात फेरे, मांग भरना और पूजा अर्चना करना आदि विवाह के सारे काम इसी मंडप के नीचे संपन्न किए जाते हैं.

लेकिन हम ऐसे कितने ही लोग ये जानते हैं कि विवाह के दौरान मंडप को क्यों गाड़ा जाता है? यदि नहीं तो आप हमारे आज इस लेख के माध्यम से इस विषय की भी जानकारी प्राप्त कर लेंगे. तो चलिए जानते हैं…

शादी में मंडप का महत्व

आपने अक्सर यह देखा होगा कि शादी का मंडप चार स्तंभों पर आधारित होता है, जिसे हिंदू धर्म में चार आश्रमों से जोड़कर देखा गया है. जिन आश्रमों को हम ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और सन्यास जीवन के नाम से जानते हैं.

अपने विवाह के दौरान लड़का यानी कि वर ब्रह्मचर्य जीवन से निकलकर गृहस्थ जीवन में प्रवेश करता है, इस दौरान उस पर कई सारी नई जिम्मेदारियों का भार भी बढ़ता है, जिसको ही मंडप के माध्यम से दर्शाया जाता है.

दूसरी ओर मंडप के चारों स्तंभ जीवन में 4 तरह के पहलुओं को दर्शाते हैं. जिनमें विशेष है धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष. विवाह के दौरान वर और वधु दोनों को ही जीवन के इन चारों पहलुओं का विशेष ध्यान रखना होता है.

मंडप के चारों ओर घूमकर ही वर और वधु सात फेरे लेते हैं, और अग्नि को साक्षी मानकर एक दूसरे का साथ निभाने की कसमें खाते हैं. इस प्रकार से कई लोग मंडप को दंपती के मिलन का प्रतीक भी मानते हैं.

शादी में मंडप का होना यह बताता है कि ये संपूर्ण ब्रह्मांड 4 तत्वों, जिसमें धरती, पानी, आग और हवा शामिल है से मिलकर बना है. जिनके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती.

इसी प्रकार से गृहस्थ जीवन में प्रवेश कर चुके वर और वधू अकेले जीवन का भार नहीं उठा सकते, उन्हें एक दूसरे के साथ मिलकर ही जीवन की नैया को पार लगाना होता है.

शादी का मंडप विभिन्न प्रकार के रंगों से तैयार किया जाता है, मंडप में मौजूद लाल और पीले रंग को शुभ निशानी माना जाता है. साथ ही मंडप के निकट मौजूद कलश के ऊपर नारियल को आम के पत्तों से सजाया जाता है.

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जोकि इस बात का संदेश देता है कि व्यक्ति का मन, शरीर और आत्मा एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और आम के पांच पत्ते मनुष्य की पांचों इंद्रियों को आपस में एक साथ होना दर्शाते हैं.