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Shardiya Navratri 2022: इस नवरात्रि दर्शन कीजिए देवी माता के इन अनोखे मंदिरों के, पतित पावन हो जाएगा जीवन

 

Shardiya Navratri 2022: भारत देश धार्मिक स्थलों की खान है. यहां आपको हर राज्य हर क्षेत्र में प्राचीनतम धार्मिक स्थलों का भव्य रुप देखने को मिल जाएगा. हिंदू धर्म से जुड़े यहां कई मंदिर हैं जहां हर वर्ष लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ लगी रहती है. हिंदू धर्म के विशेष त्योहारों पर भक्तगण भगवान के दर्शन के लिए प्रसिद्ध मंदिरों में अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं.

इसी के साथ ही साल 2022 का सितंबर महीना शारदीय नवरात्रि का महीना है. जिसमें 9 दिन तक देवी माता के गुणगान होंगे और लोग उनकी भक्ति में डूबे रहेंगे. ऐसे में अधिकतर लोग मां दुर्गा के दर्शन के लिए भारत के कई मशहूर मंदिरों में जाने की इच्छा रखेंगे.

यदि आप देवी माता के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानना चाहते हैं तो हम आज आपको कुछ प्रमुख मंदिरों के बारे में बताने वाले हैं. यहां आप शारदीय नवरात्रि के दिनों में दर्शन करने जा सकते हैं.

शैलपुत्री मंदिर वाराणसी, यहां लगती है भक्तों की लंबी भीड़

देवी माता के नौ स्वरूपों में से एक माता शैलपुत्री के दर्शन के लिए आप वाराणसी राज्य में आ सकते हैं. यहां आपको मां दुर्गा का शैलपुत्री मंदिर स्थापित नजर आएगा. यह वाराणसी के अलईपुर क्षेत्र में स्थित है. जहां हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और देवी माता के दर्शन करते हैं.

वाराणसी का एक और मंदिर विशालाक्षी मंदिर

यदि आप वाराणसी शैलपुत्री माता के दर्शन के लिए आते हैं तो बेशक आप इस मंदिर के दर्शन करना भी बिल्कुल ना भूलें. दरअसल काशी विश्वनाथ मंदिर से कुछ दूर पर यह माता का शक्तिपीठ है जिसे विशालाक्षी मंदिर कहा जाता है. माना जाता है कि यहां माता सती के कान के मणि जुड़े कुंडल गिरे थे जिसके चलते इसे मणिकर्णिका घाट भी कहा जाता है. यहां जो कोई भी सच्चे मन से प्रार्थना करता है उसकी इच्छा पूरी होती है.

माता ललिता देवी मंदिर 52 शक्तिपीठों में से है एक

उत्तर प्रदेश में कई पवित्र स्थान है. जिनमें से एक है नैमिष धाम जो कि सीतापुर में मिला हुआ है. इस स्थान पर मां ललिता देवी का मंदिर स्थित है. जहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. आपको बता दें ललिता देवी मंदिर दुर्गा माता के 52 शक्तिपीठों में से एक माना गया है. कहा जाता है कि यहां माता सती का हृदय गिरा था और यहां हर भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है.

बलरामपुर में स्थित देवीपाटन मंदिर

52 शक्तिपीठों में से एक है देवीपाटन मंदिर. यह मंदिर बलरामपुर जिले में स्थित है. मान्यताओं के मुताबिक इस स्थान पर माता सती का वाम स्कंध के साथ गिरा था. यही कारण है कि इस शक्तिपीठ को पाटन का नाम दिया गया है. यहां दर्शन करना भी आपके सौभाग्य की बात है.

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गोरखपुर जिले का चमत्कारी, तरकुलहा मंदिर

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में माता का तरकुलहा मंदिर स्थित है. इस मंदिर को चमत्कारी मंदिर कहा जाता है. इसके पीछे स्वतंत्रता संग्राम के समय की एक कहानी छिपी हुई है. तब से यहां के लोगों में इस मंदिर को लेकर काफी विश्वास बढ़ गया है. यदि आप इन नवरात्रों में मंदिर जाने का विचार कर रहे हैं तो आप इस मंदिर में भी दर्शन के लिए आ सकते हैं.

प्रयागराज का माता ललिता मंदिर

प्रयागराज एक संगम नगरी है. यहां 52 शक्तिपीठों में से एक मां ललिता मंदिर है. मान्यताओं के अनुसार यहां माता सती के हाथ की उंगली गिरी थी. यहां माता ललिता के 3 मंदिर हैं और तीनों को शक्तिपीठ का रूप माना गया है. नवरात्रों में यहां भक्तों का जमघट लगा रहता है. यहां आकर आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होना निश्चित है.