Vrat 2023: कल यानि 10 जनवरी को सकट का व्रत रखा जाएगा. सकट का व्रत मुख्य तौर पर संतान के उज्ज्वल जीवन की कामना हेतु माताओं द्वारा रखा जाता है. इस दिन विशेष तौर पर भगवान गणेश की आराधना का प्रावधान है.
सकट का व्रत हिंदू धर्म में सकट चौथ और तिलकुट के नाम से जाना जाता है. इस दिन हिंदू महिलाएं अपनी संतान की दीर्घायु और उ उसके सफल जीवन की कामना हेतु व्रत का विधि विधान से पालन करते हैं,
लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में सकट के अलावा भी कुछ ऐसे व्रत हैं, जिनको रखकर भी आप अपनी संतान के जीवन को सफलता के शिखर पर अग्रसारित कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं…
सकट के अलावा किन व्रतों का पालन करने पर मिलता है संतान को लाभ
2 जनवरी 2023 को पौष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भी संतान की दीर्घायु हेतु व्रत रखा गया था. जिसे पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है.
सावन के महीने में सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन व्रत का पालन करने से संतान के जीवन में से कष्टों का अंत होता है. इस साल ये व्रत 27 अगस्त 2023 को पड़ेगा.
भादों के महीने में संतान सप्तमी का व्रत पड़ेगा. जिसे संतान सप्तमी के नाम से जाना जाता है. इस दिन व्रत का विधि विधान से पालन करने पर व्यक्ति को संतान का सुख मिलता है और आपकी संतान को दीर्घायु प्राप्त होती है. इस साल यह व्रत 22 सितंबर 2023 को रखा जाएगा.
इस साल 6 अक्टूबर को जितिया व्रत रखा जाएगा. इस दिन व्रत का पालन करने से व्यक्ति की संतान को जीवन में सुख की प्राप्ति होती है. इस कारण इसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है.
जिन महिलाओं को संतान का सुख नहीं मिलता है, उन्हें अहोई अष्टमी वाले दिन व्रत का विधि विधान से पालन करना चाहिए. इस बार अहोई अष्टमी का व्रत 5 नवंबर को मनाया जाएगा.
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आपने छठ व्रत के बारे में अवश्य सुना होगा, जो भी महिलाएं छठ व्रत वाले दिन विधि विधान से सूर्य देव की आराधना करते हैं, सूर्य देव उनकी संतानों के जीवन से हर दुख हर लेते हैं. इस बार छठ का व्रत 19 नवंबर को रखा जाएगा.