Workship Rules: अधिकतर पूजा-पाठ के दौरान क्यों किया जाता है गेंदे के फूल का इस्तेमाल? जानें कारण
Workship Rules: हिंदू धर्म में भगवान की पूजा का विशेष महत्व है, हिंदू धर्म के भक्त नियमित तौर पर भगवान की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं. ऐसे में पूजा पाठ के दौरान या विभिन्न धार्मिक आयोजनों के अवसर पर फूलों में गेंदे का फूल सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है,
जिसके पीछे एक मुख्य कारण मौजूद है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा पाठ के दौरान गेंदे के फूल का इस्तेमाल करना आवश्यक माना गया है, इसके बिना भगवान की पूजा अधूरी मानी जाती है.
हमारे आज के इस लेख में हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं कि पूजा-पाठ के दौरान अन्य फूलों की अपेक्षा गेंदे का फूल सबसे अधिक क्यों प्रयोग में लाया जाता है. तो चलिए जानते हैं…
गेंदे के फूल के धार्मिक उपयोगों के बारे में….
ऐसा माना जाता है कि पीला और केसरिया रंग हिंदू धर्म में इसलिए सबसे अधिक लोकप्रिय है, क्योंकि यह रंग हर किसी देवी देवता को पसंद होता है. इसलिए विभिन्न धार्मिक आयोजनों पर पीले रंग के फूलों यानि गेंदे का इस्तेमाल किया जाता है.
पीले रंग के फूलों को गुरुदेव बृहस्पति का प्रतीक माना गया है. पूजा पाठ के दौरान गेंदे के फूलों का इस्तेमाल करने पर आपको गुरुदेव बृहस्पति की कृपा से ज्ञान, विवेक, बुद्धि आदि की प्राप्ति होती है.
गेंदे के फूल का रंग पीला और हल्का केसरिया होता है, जो कि एक तरफ त्याग और तपस्या को दर्शाता है, जबकि दूसरी ओर वह अग्नि का नेतृत्व करता है.
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गेंदे के फूल में कई सारे बीज मौजूद होते हैं और प्रत्येक बीज में अलग-अलग पंखुड़ियां होती हैं, जोकि एकता का प्रतीक मानी जाती हैं.
गेंदे का फूल भगवान विष्णु और विघ्नहर्ता गणेश जी को बेहद प्रिय है, ऐसे में अगर आप इन दोनों को गेंदे का फूल अर्पित करते हैं, तो आपको इनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.