अंतरिक्ष से पृथ्वी पर गिरती है 5200 टन धूल, एक नई स्टडी में हुआ खुलासा
पृथ्वी पर बाहरी अंतरिक्ष से धूल, पत्थर और उल्कापिंड जैसी चीजें गिरती रहती हैं. लेकिन ये पृथ्वी के वातावरण में ही एंट्री करते ही नष्ट हो जाती हैं और धूल के रूप में धरती पर गिर जाती है. लेकिन वहीं अब पृथ्वी पर गिरने वाली इस धूल को लेकर एक शोध में हैरान कर देने वाली बात सामने आई है.
दरअसल इस स्टडी में कहा गया है कि हर साल 5,200 टन (4,700 मीट्रिक टन) अंतरिक्ष की धूल पृथ्वी की सतह तक पहुंचती है.
बता दें कि स्टडी के मुताबिक, आउटर स्पेस से आने वाली धूल ही पृथ्वी पर बाहरी दुनिया से आने वाली चीजों का प्रमुख स्रोत है. ये उल्कापिंडों जैसी चीजों के माध्यम से पृथ्वी पर पहुंचती है.
हालांकि वैज्ञानिकों (Scientists) को इस स्टडी के जरिए ये समझने में आसानी होगी कि धरती के निर्माण के शुरुआती सालों में कैसे पानी और कार्बन के मॉलिक्यूल (Molecule) आउटर स्पेस से यहां आकर मिले.
वहीं अंतरिक्ष के धूल के कणों को ढूंढ़ना आसान काम बिल्कुल भी नहीं है. सबसे पहले आपको माइक्रो उल्कापिंड ढूढ़ने पड़ेंगे, जो मिलीमीटर साइज के दसवें और सौवे हिस्से के बराबर होते हैं. वैज्ञानिक इसके लिए अंटार्कटिका में जाकर रिसर्च कर रहे हैं.
पिछले 20 सालों से फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च (CNRS) के भौतिक वैज्ञानिक जीन दुपराट ने फ्रेंको-इतालवी कॉनकॉर्डिया स्टेशन (Dome C) पर छह शोध अभियानों का नेतृत्व किया है. Dome C अंटार्कटिका के एडिले लैंड तट से 1100 किलोमीटर दूर स्थित एक जगह है.