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Adventure & Science : इस ग्रह में होती है आग की बारिश, जानें पूरी खबर

 

Adventure & Science : हमारे सौर मंडल में फिलहाल दस ग्रह है. ये बात हमें साइंनस में शुरू से ही पढ़ाया जाता है. जिसमें से पृथ्वी ही ऐसा ग्रह माना जाता है जहां पर दूनिया संभव है. लेकिन वैज्ञानिकों की हर समय जारी रहती है.

वैज्ञानिकों ने हर वो तरीका अपनाया जिससे ये पता चले कि बाकि के ग्रहों में जीने के लिए क्या साधन है. वहां की हवा कैसी है. जमीन कैसा है. इन सब सवालों के जबाव अक्सर निराशाजनक ही रही है. क्योंकि इतनी खोज करने के बावजूद पृथ्वी के अलावा किसी भी ग्रह में ना तो प्रर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है. न सांस लेने के लिए ऑक्सीजन है, ना ही खाने के लिए तरल पदार्थ उपलब्ध है.

तो चलिए आज हम एक ऐसे ग्रह के बारे में बताते हैं जोकि इतना गर्म है कि वहां आग के गोले की बारिश होती है. जिसका नाम अभी तक पता नहीं लगाया जा सकता है.

पराबैंगनी किरणों मुख्य वजह

दरअसल यह ग्रह इतना गर्म है कि यहां टाइटेनियम धातु भी पिघल जाएगा. जिसकी मुख्य साइंटिफिक वजह पराबैंगनी किरणों का विकिरण है. वैज्ञानिकों का कहना है कि, उन्होंने पहली बार सिलिकॉन मोनोऑक्साइड का ऐसा रूप देखा है.

बता दें कि नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, हबल स्पेस टेलीस्कोप ने WASP-178b को पृथ्वी से 1300 प्रकाश वर्ष की दूरी पर देखा. जहां वायुमंडल में सिलिकॉन मोनोऑक्साइड गैस की भरमार है. और दिन के समय में यहां का वातावरण बादलविहीन होता है, जबकि रात के समय गर्म वायुमंडल में दो हजार मील प्रतिघंटे की रफ्तार से भी ज्यादा गति से सुपर हरिकेन जैसे तूफान आते हैं.

इस दौरान सारे पदार्थ, धातु जोकि ठंड होते हैं, इस गर्म तुफान में वो तक नहीं टिक पाते औऱ पिघल कर वाष्प में बदल जाते हैं. जोकि अपने आप में बड़ा रॉकेट साइंस है. जिसपर अबतक केवल इतना ही शोध हो पाया है.

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