स्पेस के काले अंधेरे में कितनी खूबसूरत दिखती है धरती, जानिये धरती की अनोखी तस्वीर खींचने की दिलचस्प कहानी

 
स्पेस के काले अंधेरे में कितनी खूबसूरत दिखती है धरती, जानिये धरती की अनोखी तस्वीर खींचने की दिलचस्प कहानी

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सोवियत यूनियन (Soviet Union) ने पृथ्वी की कक्षा (Earth’s Orbit) में सबसे पहला सैटेलाइट लॉन्च किया था। तभी से लोगों में अंतरिक्ष से ली गई पृथ्वी की पहली तस्वीर को लेकर उत्सुकता पैदा हो गई। इस तरह आज ही के दिन अमेरिका ने अंतरिक्ष से पृथ्वी की पहली तस्वीर लेकर इतिहास रच दिया था। न्यू मैक्सिको में अमेरिकी वैज्ञानिकों और रिसर्चर्स ने अंतरिक्ष से पहली तस्वीरें लीं, इस तस्वीर में पृथ्वी की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर को देखा गया।

24 अक्टूबर 1946 को व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज के सैनिकों और वैज्ञानिकों ने एक V-2 मिसाइल लॉन्च की, जिसमें 35 मिलीमीटर का मोशन पिक्चर कैमरा था। इसके जरिए अंतरिक्ष से पृथ्वी की पहली तस्वीर ली गई। ये तस्वीरें बाहरी अंतरिक्ष की शुरुआत से ठीक ऊपर 65 मील की ऊंचाई पर ली गई थीं। जिस कैमरे में ये तस्वीरें ली गई थीं, वह लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गया क्योंकि यह एक स्टील कैसेट में बंद था। यह पहली बार नहीं था जब किसी तस्वीर में पृथ्वी के कर्व को देखा गया हो।

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द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के बाद अमेरिकी सेना ने दर्जनों वी-2 जर्मन मिसाइलों को जब्त कर लिया था, इनके जरिए ही इस तस्वीर को लिया गया।

1935 में सबसे पहले पृथ्वी की तस्वीर लेने का किया गया यह प्रयास

स्पेस के काले अंधेरे में कितनी खूबसूरत दिखती है धरती, जानिये धरती की अनोखी तस्वीर खींचने की दिलचस्प कहानी

दरअसल, इस तस्वीर से पहले भी अंतरिक्ष से पृथ्वी की तस्वीर लेने की कोशिश की गई थी, लेकिन उसमें अंतरिक्ष नजर नहीं आ रहा था। 1935 में, एक्सप्लोरर II गुब्बारा 13.7 मील की ऊंचाई पर पहुंचा और एक गोलाकार क्षितिज देखा। लेकिन इसमें अंतरिक्ष का अंधेरा हिस्सा नजर नहीं आया। लेकिन 11 साल बाद V-2 मिसाइल ने पहली बार धरती के साथ बाहरी अंतरिक्ष की खूबसूरती दिखाते हुए दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. दरअसल, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिकी सेना ने दर्जनों वी-2 जर्मन मिसाइलों को जब्त कर लिया था।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद खींची गईं एक हजार से ज्यादा तस्वीरें

अमेरिका ने सोचा कि क्यों न इन मिसाइलों के जरिए अपनी मिसाइल रक्षा में सुधार किया जाए। इसके बाद इन मिसाइलों को अभ्यास के लिए दागा जाने लगा। वहीं शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर इन मिसाइलों का इस्तेमाल वायुमंडलीय अध्ययन के लिए किया जाए तो यह काफी फायदेमंद साबित होगा। यही वजह थी कि अंतरिक्ष से पहली तस्वीर वी-2 मिसाइल ने ली थी। 1946 और 1950 के बीच, अंतरिक्ष से 1000 से अधिक तस्वीरें ली गईं। इनमें से कुछ तस्वीरें 100 मील की ऊंचाई से ली गई हैं। इस तरह इसने वैज्ञानिकों को पृथ्वी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद की।

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