{"vars":{"id": "109282:4689"}}

NASA ने मंगल पर उड़ाया अपना इनजेनिटी हेलीकॉप्टर, ब्लैकआउट के कारण पिछला मिशन हुआ था स्थगित

 

Nasa के इनजेनिटी हेलीकॉप्टर ने दो सप्ताह के रेडियो ब्लैकआउट के बाद मंगल ग्रह पर अपनी उड़ान पूरी कर ली है। यह ब्लैकआउट सोलर कंजेशन के कारण हुआ था।

Nasa के इनजेनिटी हेलीकॉप्टर ने मंगल पर अपनी 14वीं उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की। अंतरिक्ष में लाल ग्रह की स्थिति के कारण दो सप्ताह के लिए रेडियो ब्लैकआउट हो गया। इसके बाद यह पहली उड़ान है। दरअसल, इस महीने की शुरुआत में मंगल सूर्य के पीछे चला गया था। इससे पृथ्वी से संपर्क मुश्किल हो गया। इस वजह से नासा ने अपने ज्यादातर रोबोटिक मार्स मिशन को रोक दिया था।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के इंजीनियरों ने चिंता व्यक्त की है कि अगर वे सौर भीड़ के कारण अपने अंतरिक्ष यान से संपर्क करते हैं तो उन्हें "अप्रत्याशित व्यवहार" का सामना करना पड़ सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए मिशन को रोक दिया गया। लेकिन इनजेनिटी हेलीकॉप्टर पर इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है। सोलर कंजेशन हर दो साल में एक बार होता है।

Nasa ने कहा कि उसने लाल ग्रह पर अपने स्थान पर गर्मी के मौसम का पता लगाने के लिए एक छोटी उड़ान भरी। जैसे-जैसे जेज़ेरो क्रेटर का मौसम गर्म होता जाता है, हेलिकॉप्टर के रोटर को उड़ान भरने के लिए अधिक तेज़ी से घूमना पड़ता है। यही कारण है कि इंजीनियर इसे उच्च आरपीएम सेटिंग्स पर परीक्षण करना चाहते थे।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की जेपीएल टीम ने एक ट्वीट में कहा, 'मंगल हेलीकॉप्टर ने अपने वर्तमान हवाई क्षेत्र में उच्च आरपीएम सेटिंग्स का परीक्षण करने के लिए सफलतापूर्वक एक छोटी उड़ान भरी, ताकि यह लाल ग्रह पर कम वायुमंडलीय घनत्व पर उड़ान भर सके।' इसने आगे कहा, 'यह परीक्षण टीम को भविष्य में जरूरत पड़ने पर आरपीएम बढ़ाने का विकल्प भी देता है।'

Nasa ने इस बारे में विवरण नहीं दिया कि हेलीकॉप्टर ने कितनी दूर या कितनी देर तक उड़ान भरी, या किस समय उड़ान भरी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने मूल रूप से मंगल ग्रह पर पांच बार उड़ान भरने के लिए हेलीकॉप्टर को डिजाइन किया था, लेकिन इसने 14 मिशन पूरे कर लिए हैं।

Ingenuity हेलीकाप्टर वर्तमान में Perseverance रोवर के लिए एक स्काउट के रूप में काम कर रहा है। यह रोवर लाल ग्रह पर प्राचीन जीवन की तलाश में है। इससे पहले ब्लैकआउट के कारण हेलीकॉप्टर को अपनी 14वीं उड़ान स्थगित करनी पड़ी थी।

यह भी पढ़ें: वैज्ञानिकों को मिला 10 करोड़ साल पुराना केकड़ा, अब तक जिंदा है शरीर