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धरती को महाविनाश से बचाएगा Nasa, अब ऐस्टरॉइड पर करेगा हमला

 

अमेरिकी स्पेस एजेंसी Nasa वैसे उन सभी खतरों पर नजर रखती है जिनसे धरती को खतरा है. अब Nasa ने किसी ऐस्टरॉइड के खतरे से धरती को बचाने के लिए ऐस्टरॉइड को खत्म करने का फैसला लिया है इसके लिए प्लैनेटरी डिफेंस मिशन शुरू किया जाएगा. यह मिशन इस महीने के आखिर तक शुरू किया जा सकता है. इस मिशन के तहत Nasa ऐस्टरॉइड की टक्कर ऐस्टरॉइड के चांद के साथ करवाएगा. Nasa दुनिया की सभी स्पेस एजेंसियों और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर धरती को ऐस्टरॉइड के खतरे से बचाने के लिए लगातार काम कर रही है.

Nasa पहली बार किसी ऐस्टरॉइड की टक्कर करवाने जा रहा है ऐसे में अगर सफलता हासिल हुई, तो ये धरती के लिए एक अच्छा संकेत होगा. Nasa सबसे पहले Didymos ऐस्टरॉइड पर निशाना साधेगा. इस ऐस्टरॉइड को लगभग 20 साल पहले खोजा गया था और इस ऐस्टरॉइड एक चांद भी है इसलिए इसको 'जुड़वा ऐस्टरॉइड' भी कहा जाता है. वैसे तो इस ऐस्टरॉइड को Double Asteroid Redirection Test मिशन के लिए चुना था. लेकिन अब Nasa इस ऐस्टरॉइड की टक्कर करवाकर यह पता करेगा कि, क्या आने वाले समय में धरती पर मंडरा रहे खतरे को कम कर सकते हैं या फिर नहीं.

जानकारी के अनुसार Nasa इस ऐस्टरॉइड के चांद पर 14 मील प्रतिघंटे की गति से क्रैश करेगा. उम्मीद है कि इससे चांद की रफ्तार 1 प्रतिशत तक कम हो जाएगी. क्रैश करते समय Spacecraft में शक्तिशाली कैमरे, सोलर पावर जनरेटर्स और कई सेंसर लगे होंगे जो क्रैश टेस्ट को स्टडी करने का काम करेंगे.

वैसे हमारे सौर मंडल में 25 हजार से ज्यादा ऐस्टरॉइड मौजूद हैं इनमें से कई ऐसे विशाल ऐस्टरॉइड है जो आने वाले 100 साल में धरती से टक्कर भी कर सकते हैं इसलिए वैज्ञानिक इन्हें स्टडी कर रहे हैं ताकि आने वाले समय में धरती की तरफ बढने वाले खतरे से बचा जा सके. अब Elon Musk की SpaceX एजेंसी का Falcon 9 रॉकेट इस Spacecraft को इस महीने के आखिर में लेकर जाएगा और इसको ऐस्टरॉइड तक पहुंचने में लगभग 1 साल का समय लगेगा.

ऐस्टरॉइड की वैसे तो कक्षा होती है लेकिन किसी बङे ग्रह के नजदीक से गुजरने पर गुरूत्वाकर्षण बल या सूर्य की गर्मी से इनके जलने पर पैदा होने वाली अधिक ऊर्जा के कारण कक्षा बदल भी सकती है. अगर कोई ऐस्टरॉइड धरती से टकरा जाता है तो धरती पर महाविनाश हो सकता है. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती से डायनासोर का खात्मा ऐस्टरॉइड की टक्कर से ही हुआ था. इसलिए अब वैज्ञानिक ऐस्टरॉइड के खतरे से बचने के लिए यह मिशन भेज रहे हैं ताकि धरती को इन खतरों से बचाया जा सके.

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