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Winter Bath: क्या सर्दियों में रोजाना नहाना होता है नुकसानदेह? क्या है कहना साइंस और आयुर्वेद का,जानें पूरी जानकारी

 

Daily Bath in Winter Science V Ayurveda: सर्दियों में रोजाना नहाना किसी मुसीबत से कम नहीं है. यही वजह है कि गर्मी में हर दिन नहाने वाले लोग भी सर्दियों में नहाने से कई-कई दिन छुट्टी मार लेते हैं. मॉडर्न साइंस (Modern Science) की रिसर्च लोगों की हर दिन न नहाने की आदत को न केवल बेहतर बताती हैं बल्कि ज्‍यादा नहाने (Bathing) से स्‍वास्‍थ्‍य और शरीर को होने वाले नुकसान भी हमे गिनाती है. जबकि रोज नहाने के मुद्दे पर भारत की प्राचीन चिकित्‍सा पद्धति आयुर्वेद (Ayurveda) का नजरिया साइंस के रिसर्च से एकदम अलग है. अब सवाल यह उठता है कि आप किसकी बात मानेंगे, साइंस की या आयुर्वेद की?

पहले आप जान लें क्‍या कहती है साइंस ?

जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी सहित अन्‍य कई यूनिवर्सिटीज में हुई रिसर्च बताती हैं कि अगर आप रोज नहाते हैं तो निश्चित तौर पर अपना ही नुकसान कर रहे हैं. शरीर की इम्‍यूनिटी को घटा रहे हैं. रोगाणुओं और विषाणुओं से लड़ने की क्षमता को कमजोर करते जा रहे हैं. शरीर में संक्रमण में चपेट में आने की संभावना को बढ़ावा दे रहे हैं. वहीं त्‍वचा विशेषज्ञ भी कहते हैं कि रोज- रोज़ या ज्‍यादा नहाने से स्किन से नेचुरल ऑइल निकलने लगता है. गर्म पानी से तो और भी ज्‍यादा नुकसान हो सकता है. ऐसे में साइंस कहती है कि अगर आप सर्दियों में दो-तीन दिन नहीं भी नहाते हैं तो यह आपके बाल, स्किन और बॉडी के लिए अच्‍छा होता है.

नहाने को लेकर क्‍या कहता है आयुर्वेद ?

दिल्‍ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान की निदेशक डॉ. तनुजा नेसरी कहती हैं कि सर्दी हो या गर्मी हो आयुर्वेद रोजाना स्‍नान को बेहद जरूरी समझता है. न केवल शरीर की स्वच्छता के लिए बल्कि बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य के लिए नित्‍य नहाना चाहिए. आयुर्वेद का पथ्‍यापथ्‍य नियम भी इससे जुड़ा है. एआईआईए (AIIA) के अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ बताते हैं कि रोज नहाने से शरीर की सभी धातुओं को पोषण मिल जाता है. स्‍फूर्ति आती है, शरीर और मन को ताजगी मिलती है. मेटाबोलिज्‍म बढ़ जाता है. मेटाबोलिज्‍म शरीर के अंग ही नहीं बल्कि बुद्धि और विवेक के विकास के लिए भी जिम्‍मेदार होता है. रोजाना नहाने से शरीर में पाचन शक्ति सुधरने लगती है. नहाने का अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य और स्‍वस्‍थ लाइफस्‍टाइल से गहरा असर है.

किसकी बात मानेंगे आप?

ऐसे तो घरों में भी दो विचारधाराओं में लोग बंटे हुए हैं. जहां भारत की प्राचीन परंपराओं और आयुर्वेद में यकीन करने वाले लोग, महिलाएं और बड़े-बुजुर्ग सर्दी हो या गर्मी रोज नहाने को हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल (Healthy Lifestyle) के लिए महत्‍वपूर्ण मानते हैं. वहीं मॉडर्न साइंस में यकीन करने वाले और विज्ञान के अनुसार चलने वाले अधिकांशत युवा रोज नहाने को पानी की बर्बादी के साथ शारीरिक और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए खराब मानते हुए नहाने की छुट्टी मनाने को सही मानते हैं. अब आपको सोचना है कि आपको विंटर में रोजाना नहाना है या नहीं.

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