4अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जिन्हें भारतीय प्रशंसक करते हैं सबसे ज्यादा नफरत
खेल को यूं तो मोहब्बत का पैगाम कहा जाता है लेकिन आज के दौर में खेल वर्चस्व का मानक है और दम दिखाने का जरिया। इस सबके अलावा वसुदेव कुटुंबकम को मानने वाला भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। भारत में क्रिकेट के लिए लोगों में काफी प्रेम है। भारत में अगर क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि उसके अधिक है कई लोगों के लिए एक जीवन का फिलिंग है क्रिकेट।
भारत की आवाम हमेशा विदेशी प्लेयरों को अपना प्यार एवं इज्जत दिया है जो मैदान में आक्रामकता नहीं दिखाते है। हालाँकि कई ऐसे खिलाड़ी है जिन्होंने भारतीय प्रशंसकों को अपने व्यवहार द्वारा उनसे नफरत करने पर मजबूर किया हैं।
•एंड्रयू साइमंड्स
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट का बेताज बादशाह था और भारत बनना चाहता था इसलिए इन दोनों टीमों के बीच अक्सर दर्द करार की खबरें आती रहती थी। इस खबरें को घर लगाने का काम करता था एंड्रयू साइमंड्स।
एंड्रयू साइमंड्स का भारत के सामने रिकॉर्ड देखे तो उससे साफ़ पता लगता है कि उनको भारतीय गेंदबाजों का सामना करना बहुत पसंद था। 2007 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान उनके और हरभजन सिंह की बीच लड़ाई हुई। जिससे विश्व क्रिकेट में मंकी-गेट का नाम दिया गया।
•एंड्रयू साइमंड्स के बाद ऑस्ट्रेलिया के ही पूर्व ऑस्ट्रेलिया कप्तान रिकी पोंटिंग भी उन खिलड़ियों के सूची में शामिल हैं। वनडे के सबसे सफल कप्तान रिकी पोंटिंग को हमेशा से भारतीय प्रशंसकों से नफ़रत का सामना करना पड़ा था। वजह भारतीय प्रशंसक भारत के खिलाफ़ उनके ऑनफील्ड व्यवहार से कभी खुश नहीं थे।
•एंड्रयू फ्लिंटॉफ, इस नाम के वजह से ही युवराज सिंह ने छह गेंद में छह छक्का मारा था। एक खिलाड़ी जिन्हें भारतीय प्रशंसक द्वारा हमेशा से नफ़रत का सामना करना पड़ा।
2002 में भारतीय टीम के खिलाफ़ जब इंग्लैंड मैच जीता तो मैदान में अपना टी-शर्ट उतार दी थी। एंड्रयू फ्लिंटॉफ के इस व्यवहार का जवाब सौरव गांगुली ने त्रिकोणीय श्रृंखला जीतकर अपनी टी-शर्ट उतरकर दिया था।
•पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी जावेद मियांदाद, जिन्होंने भारत के खिलाफ कई सारे अहम पारी पाकिस्तान के लिए खेली थी लेकिन भारत के खिलाफ़ मैचों में उनका व्यवहार निराशाजनक रहा। कई बार भारतीय खिलाड़ियों के नकल की वजह से भी भारतीय प्रशंसकों के दिल में उनके लिए नफरत भरा हैं।