उम्र को मात्र संख्या मान 13 वर्षीय मोमिजी निशिया व 58 वर्षीय अब्दुल्ला अल-रशीदी ने किया बड़ा कारनामा, ओलम्पिक में पदक हासिल कर लूटी वाहवाही
Tokyo Olympics की सबसे युवा खिलाड़ी जापान की मोमिजी निशिया , सिर्फ 13 साल की उम्र में gold winner बन गई है.
तो वहीं इसके ठीक विपरीत जिस उम्र (58 साल) में लोग संन्यास लेकर अपने परिवार के साथ जीवन का आनंद लेने की सोच रहे होते हैं,
उस पड़ाव पर कुवैत के अब्दुल्ला अल रशीदी ने सटीक निशाना लगाते हुए कांस्य पदक जीतकर सभी को चौंका दिया.
जापान की मोमिजी ने रचा इतिहास
जापान की 13 year old gold winner मोमिजी निशिया Tokyo की सबसे युवा गोल्ड मेडल विनर बन गई हैं. उन्होंने विमेंस इंडिविजुअल स्केटबोर्डिंग का गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
13 साल 330 दिन की मोमिजी स्केटबोर्डिंग में olympic 2020 में पहला ओलिंपिक गोल्ड जीतने वाली एथलीट भी बन गई हैं.
स्केटबोर्डिंग को पहली बार इसी ओलिंपिक में शामिल किया गया है,इस इवेंट का सिल्वर भी एक टीन एजर ने जीता है,13 साल, 203 दिन की ब्राजील की रायसा लियन ने दूसरा स्थान हासिल करते हुए सिल्वर अपने नाम किया.
13 साल की उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि को देखकर हर कोई हैरान है और पूरी दुनिया में मोमिजी निशया की तारीफ हो रही है.
टोक्यो में खुश हैं कुबैत के अल-रशीदी
सात बार के ओलंपियन ने सोमवार को पुरूषों की स्कीट स्पर्धा में कांस्य पदक जीता, इतना ही नहीं पदक जीतने के बाद उन्होंने 2024 में पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पर निशाना लगाने का भी वादा किया जब वो 60 पार हो चुके होंगे.
अलरशीदी ने पहली बार 1996 अटलांटा ओलंपिक में भाग लिया था,उन्होंने रियो ओलंपिक 2016 में भी कांस्य पदक जीता था.
लेकिन उस समय स्वतंत्र खिलाड़ी के तौर पर उतरे थे। कुवैत पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने प्रतिबंध लगा रखा था,उस समय अल रशीदी आर्सन्ल फुटबॉल क्लब की जर्सी पहनकर आए थे.
कुवैत के लिये खेलते हुए पदक जीतने के बारे में उन्होंने कहा, रियो में पदक से मैं खुश था लेकिन कुवैत का ध्वज नहीं होने से दुखी था.
आप समारोह देखो, मेरा सर झुका हुआ था। मुझे ओलंपिक ध्वज नहीं देखना था,यहां मैं खुश हूं क्योंकि मेरे मुल्क का झंडा यहां है.’’