Cricket News: इस भारतीय बेटी के संघर्ष की दर्दभरी दास्तां सुन फट जाएगा आपका कलेजा, जानें अर्श से फर्श तक की कहानी

 
Cricket News: इस भारतीय बेटी के संघर्ष की दर्दभरी दास्तां सुन फट जाएगा आपका कलेजा, जानें अर्श से फर्श तक की कहानी

Cricket News: क्रिकेट (Cricket) से जुड़ी आपने कई ऐसी कहानियां सुनी होंगी जिसके बारे में जानकर आपकी रगों में रोमांच का लहू दौड़ने लगता होगा. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जवाज महिला क्रिकेटर के बारे में बताने वाले हैं जिसकी दर्दभरी दास्तां जानकर जहां एक तरफ आपकी आंखें नम हो जाएंगी तो वहीं दूसरी ओर गर्व से आपकी छाती चौड़ी हो जायेगी. जी हां हम बात कर रहे एक ऐसी खिलाड़ी की जिसने जन्म तो भारत में लिया लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के लिए खेला. तो आईए जानते हैं इस महान खिलाड़ी के बारे में.

महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक लड़की का जन्म हुआ. जन्म के साथ ही उसे अनाथालय की दहलीज नसीब हुई. पुणे के 'श्रीवास्तव अनाथालय' में 13 अगस्त 1979 को जन्मी इस बच्ची को हरेन और सू नाम का एक अमेरिकी जोड़े ने कानूनी कार्रवाई के साथ गोद ले लिया. इस बच्ची का नाम लैला था जिसे बदलकर लिज़ा स्थालकर (Lisa Sthalekar) कर लिया. इसके बाद इस बच्ची का पालन पोषण पहले अमेरिका और फिर सिडनी में हुआ.

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इसके बाद पिता ने बेटी को क्रिकेट खेलना सिखाया. जिसके साथ ही शुरू हुआ एक महान क्रिकेटर बनने का सफर. लीजा स्टालगर ने क्रिकेट साथ साथ अपनी पढ़ाई भी पूरी की और साल 1997 में अपना क्रिकेट केरियर शुरू किया.

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Cricket News: इस भारतीय बेटी के संघर्ष की दर्दभरी दास्तां सुन फट जाएगा आपका कलेजा, जानें अर्श से फर्श तक की कहानी

क्रिकेट का सफर

1997- न्यू-साउथ वेल्स के लिए पहला मैच खेला
2001- ऑस्ट्रेलिया के लिए पहला ODI खेला
2003- ऑस्ट्रेलिया के लिए पहला टेस्ट में पदार्पण किया
2005- ऑस्ट्रेलिया के लिएं पहला टी20 मैच खेला

बल्ले से लगाया रनों का अंबार

लीजा ने ऑस्ट्रेलिया के लिए आठ टेस्ट मैच खेलते हुए 416 रन और 23 विकेट लिए. एकदिवसीय क्रिकेट में 125 वनडे में 2728 रन बनाते हुए 146 विकेट भी अपने नाम किए. इसके साथ ही इन्होंने 54 टी-20 मैचों में 769 रन और 60 विकेट झटके. ऑस्ट्रेलिया के लिए वनडे क्रिकेट में 1000 रन और 100 विकेट लेने वाली लिज पहली महिला क्रिकेटर भी बनी.

जब आईसीसी की रैंकिंग प्रणाली शुरू हुई तो वह दुनिया के नंबर एक ऑलराउंडर भी बनीं. लीजा ने ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी भी की और वो विश्व कप विजेता टीम का भी हिस्सा रहीं. उनकी कप्तानी में जब ऑस्टेलिया ने 2013 में विश्व कप जीता तो उसके अगले दिन इस खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया. इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने लीजा को अपने हॉल ऑफ फेम में शामिल किया है.

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