Father's Day: पिता-पुत्र की इन जोड़ियों ने मैदान पर बिखेरा ऐसा जलवा कि आज भी किया जाता है याद

 
Father's Day: पिता-पुत्र की इन जोड़ियों ने मैदान पर बिखेरा ऐसा जलवा कि आज भी किया जाता है याद

Father's Day: पिता और पुत्र का संबंध सारे रिश्तों से खास होता है. पिता अपने बच्चों पर समय, दुलार और पैसा सब लुटा देता है. इस रिश्ते को हम शब्दों में जहिर नहीं कर सकते ये तो वो सागर है जिसकी कोई सीमा ही नहीं है. पिता-पुत्र के इस रिश्ते को फादर्स डे के रुप में जून के तीसरे रविवार को विश्वभर में मनाया जाता है. ये दिन पिता को स्पेशल महसूस कराने और कुछ खास एहसास दिलाने के लिए होता है.

तो इस खास दिन आज हम आपको क्रिकेट के दुनियां के कुछ ऐसे पिता और पुत्र के बारे में बातने वाले हैं. जिन्होंने इंडियन क्रिकेट टीम के लिए खेलते हुए कई नए कीर्तिमान लिख डाले.

1 - युवराज सिंह और योगराज सिंह

योगराज सिंह और युवराज सिंह की पिता और बेटे की जोड़ी भारत की सबसे सफलत्म जोड़ी में से एक है. योगराज सिंह ने इंडिया के लिए 1 टेस्ट और 6 वनडे मैच खेले हैं.

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इसके बाद पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए बेटे युवराज सिंह ने भारतीय टीम के लिए कई कीर्तिमान स्थापित किए. युवराज ने 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी20 मैच खेले हैं. युवराज के नाम 2007 टी20 विश्व कप और 2011 विश्व कप में प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट बनने का मुकाम भी दर्ज है. इसके साथ ही उनके नाम 6 गेंदों में 6 छक्के मारने का रिकॉर्ड भी दर्ज है.

Father's Day: पिता-पुत्र की इन जोड़ियों ने मैदान पर बिखेरा ऐसा जलवा कि आज भी किया जाता है याद

2 - रोहन गावस्कर सुनील गावस्कर

इस जोड़ी में जहां गावस्कर ने सफलता की सीढ़ियां चढ़ीं तो वहीं रोहन का क्रिकेट करियर ज्यादा लंबा नहां चल पाया. सुनील गावस्कर ने 125 टेस्ट और 108 एकदिवसीय मैच खेले है. इस दौरान वो भारत के कप्तान भी रहे. इसके साथ ही सुनील गावस्कर के नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 10 हजार बनाने का रिकॉर्ड भी शामिल हैं.

रोहन ने भारत के लिए 11 वनडे मैच खेले और फिर वो पिता के स्टारडम को बरकरार नहीं रख पाए. जिसके बाद रोहन ने संन्यास ले लिया और आज कल ये पिता पुत्र की जोड़ी कमेंटरी करती हुई नजर आती है.

Father's Day: पिता-पुत्र की इन जोड़ियों ने मैदान पर बिखेरा ऐसा जलवा कि आज भी किया जाता है याद

3 - रोजर बिन्नी और स्टुअर्ट बिन्नी

इस पिता-पुत्र की जोड़ी काफी ज्यादा चर्चित रही है. रोजर बिन्नी ने 80 के दशक में 27 टेस्ट मैच और 72 एक दिवसीय मैच खेले. वह 1983 विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे.रोजर ऑलराउंडर बिन्नी निचले क्रम में बल्लेबाजी करते थे.

इनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी भी अपने पिता की तरह मध्य क्रम के बल्लेबाज और एक मध्यम तेज गेंदबाज हैं. स्टुअर्ट ने 2014 में बांग्लादेश के खिलाफ एक यादगार मैच में 4.4-2-4-6 के शानदार स्पेल गेंदबाजी की थी. जूनियर बिन्नी ने भारत के लिए 6 टेस्ट, 14 वनडे और 3 टी20 मैच खेले हैं.

Father's Day: पिता-पुत्र की इन जोड़ियों ने मैदान पर बिखेरा ऐसा जलवा कि आज भी किया जाता है याद

4 - विजय मांजरेकर और संजय मांजरेकर

ये पिता-पुत्र की जोड़ी भारत की सबसे पुरानी जोड़ियो में से एक है. 1950 और 60 के दशक में विजय मांजरेकर भारतीय टीम के मैन खिलाड़ी थे. उन्होंने 55 टेस्ट मैचों में 39.12 की औसत से 3208 रन बनाए हैं.

इनके बेटे संजय ने 80 और 90 के दशक में भारत के लिए 37 टेस्ट मैच खेलते हुए 7.14 औसत के साथ 2043 रन बनाए जिसमें 4 शतक शामिल हैं. संजय को अब हम अक्सर एक कमेंटेटर और एक विश्लेषक के रूप में देखाते हैं.

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5- वीनू मांकड़ और अशोक मांकड़

वीनू मांकड़ को मुलवंतराय हिम्मतलाल मांकड़ के नाम से भी जाना जाता है. ये ओपनिंग बैट्समैन और बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज थे. इन्होंने 1956 में पंकज राय के साथ मिलकर उन्होंने 413 रन की यादगार ओपनिंग पार्टनरशिप की थी. इनके रिकॉर्ड को टूटने में 52 साल लग गए. इन्होंने अपने करियर में 44 टेस्ट मैच खेले थे.

इनके बेटे अशोक मांकड़ ने 1969 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना टेस्ट करियर की शुरु किया था. ये भी ओपनिंग बल्लेबाज थे. इन्होंने कुल 22 टेस्ट मैच भारतीय टीम के लिए खेले हैं.

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