Mohammed Siraj: पिता चलाते थे ऑटो, मां घरों में करती थी काम, बेटे ने कैसे बनाई सबसे ऊंची पहचान, जानें सिराज के संघर्ष कहानी

 
Mohammed Siraj: पिता चलाते थे ऑटो, मां घरों में करती थी काम, बेटे ने कैसे बनाई सबसे ऊंची पहचान, जानें सिराज के संघर्ष कहानी

Mohammed Siraj: इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) ने इन दोनों अपनी गेंद से आग उगल रहे हैं. उन्होंने साल 2023 की शुरूआत भी शानदार तरीके से की है. उन्होंने पहले श्रीलंका और फिर न्यूजीलैंड की टीम को धूल चटाने में सबसे ज्यादा योगदान दिया है. सिराज ने अपने आखिरी दो मैचों में 8 विकेट हासिल किए हैं. बुधवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले वनडे मैच में सिराज ने तब टीम के लिए शानदार गेंदबाजी की जब टीम को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी.

मोहम्मद सिराज का तहलका

इस मैच में सिराज ने इस मैच में मोहम्मद सिराज ने 10 ओवर में 4.60 की इकनॉमी के साथ 46 रन देकर 4 विकेट हासिल किए. इस शानदार स्पैल में मोहम्मद सिराज ने 2 मेडन ओवर भी डाले. सिराज ने फंसे हुए मैच में तब भारत को एक ही ओवर में 2 विकेट दिलाए. ये मैच सिराज अपने घर में खेल रहे थे. जहां उनका माता-पिता के अलावा उनकी दादी समेत परिवार के अन्य लोग भी मैच देखने के लिए आए थे.

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ऐसे में उनके परिवार का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. लेकिन मोहम्मद सिराज की इस यात्रा के पीछे कई ऐसे राज छिपे हुए हैं. जिनको शायद ही आप जानते होंगे तो आइए हम आपको सिराज की जिदंगी से जुड़े कुछ अहम राज बताते हैं.

पिता रिक्शा तो मां घरों में करती थी काम

मोहम्मद सिराज का जन्म 13 मार्च 1994 को हैदराबाद में हुआ था. सिराज के पिता का नाम मोहम्मद गौस है. सिराज के पिता एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर थे. उनकी मां शबाना बेगम आर्थिक तंगी के चलते दूसरों घर में काम करती थीं. सिराज के बड़े भाई का नाम मोहम्मद इस्माइल है. सिराज का बचपन आर्थिक तंगी भरा हुआ था.

Mohammed Siraj

Mohammed Siraj: पिता चलाते थे ऑटो, मां घरों में करती थी काम, बेटे ने कैसे बनाई सबसे ऊंची पहचान, जानें सिराज के संघर्ष कहानी
IMAGE CRADIT - TWITTER BCCI

दरियादिल हैं मोहम्मद सिराज

सिराज को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था. उनके पास गेंद खरीदने तक के भी पैसे नहीं होते हैं. ऐसे में उनके माता-पिता तमाम दिक्कतों के बावजूद बेट को क्रिकेट की महंगी किट दिलाते थे. सिराज चाहते हैं गरीब बच्चों का बचपन उनके जैसा ना हो इसलिए वो अपने घर के आसपास जरूरतमंद बच्चों को भी फ्री में क्रिकेट कोचिंग देते हैं.

भाई की मदद से रणजी का सफर किया तय

मोहम्मद सिराज उनके बड़ा भाई मोहम्मद इस्माइल ने हमेशा मदद की. वो उनके साथ थे और सिराज परिवार की आर्थिक हालत को देखते हुए बिना किसी कोच और क्रिकेट एकेडमी को ज्वाइन किए खुद गेंदबाजी का अभ्यास करने लगे. जिसके बाद 15 नवंबर 2015 को मोहम्मद सिराज को रणजी ट्रॉफी हैदराबाद के लिए खेलना शुरू किया.

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क्रिकेट में पहला इनाम था 500 रुपये

हैदराबाद के सिराज ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके क्रिकेट करियर की पहली कमाई 500 रुपए थी. सिराज ने कहा था, ‘क्लब का मैच था और मेरे मामा टीम के कप्तान थे. मैंने 25 ओवर के मैच में 20 रन देकर 9 विकेट लिए. मेरे मामा इससे बहुत खुश हुए, क्योंकि हम मैच जीते. मामा ने मुझे इनाम के रूप में 500 रुपये दिए थे.

यहां से मिली इंडिया की चाबी

सिराज ने 2017 में आईपीएल रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया. जिसके बाद साल 2017 में ही उन्होंने भारत के लिए टी20 में डेब्यू किया. सिराज यहीं नहीं रूके और 2019 में वनडे टीम में जगह बना ली. इसके बाद सिराज ने 2020 में भारत के लिए टेस्ट कैप भी पहन लिया. उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने करियर की इंटरनेशनल लेवल पर शुरूआत की थी.

सिराज इन दोनों अपने करियर के सबसे बेहतरीन मुकाम पर हैं. सिराज 17 वनडे में 26, टेस्ट में 15 मैचं में 46 और टी20 में 8 मैचों में 11 विकेट हासिल कर चुके हैं. इस समय मोहम्मद सिराज टीम के मैन पेस गेंदबाज हैं. ऐसे में उनके परिवार के लिए मैदान पर आकर अपने बेटे को देश के लिए शानदार प्रदर्शन करते हुए देखना गर्व से भर देने वाली बात हैं.

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