सर्बियाई नोवाक जोकोविक: टेनिस में अब जोकोविक,फेडरर,नडाल के एकाधिकार से मुक्ति मिलेगी?
कहते है खेल से बड़ा खिलाडी कभी भी नहीं होता है। कोई भी खिलाडी कभी भी स्थायी चैम्पियन नहीं होता है। एक चैम्पियन आता है और दूसरा चैम्पियन जाता है। हर खेल का यही शाश्वत सत्य है। ऐसा ही कुछ यूएस ओपन के फाइनल में देखने मिला जब पिछले डेढ़ दशकों से सभी कोर्ट पर चैम्पियन रहने वाले सर्बियाई नोवाक जोकोविक एक रशियन युवा डेनियल मेदवदेव से हार गए।
ऐसा नहीं है की जोकोविक कल पहली बार हारे हो। लेकिन कल की उनकी हार इसलिए चर्चा में है क्योंकि यदि कल वे यह खिताब जीत जाते तो एक कैलैंडर वर्ष में सबसे ज्यादा बार ग्रैंडस्लैम खिताब (21) का रिकॉर्ड अपने नाम कर लेते। इस वर्ष जब जोकोविक ने लगातार ऑस्ट्रेलियाई ओपन, फ्रैंच ओपन और फिर विम्बलडन खिताब जीते तब सभी को यह उम्मीद थी की जोकोविक यूएस ओपन जीतकर सबसे ज्यादा ग्रैंडस्लैम जीत का रिकॉर्ड बना देंगे। लेकिन ऐसा हो ना सका।
दरअसल यूएस ओपन की हार की कहानी की पटकथा ओलंपिक में ही लिख दी गई थी। दरअसल इस बार यूएस ओपन से पूर्व ओलंपिक भी था और ओलंपिक में भी "गोल्डन स्लेम" का अनुठा रिकॉर्ड बनाने का सुअवसर नोवाक जोकोविक के पास था। एक ही वर्ष में चारों ग्रैडस्लैम के साथ ओलंपिक गोल्ड जीत "गोल्डन स्लैम" कहलाती है। लेकिन उनका यह सपना भी ओलंपिक में तब टूट गया था जब जर्मनी के ऐलेक्जेंडर ज्वेरेव ने जोकोविक को ओलंपिक के सेमीफाइनल में हरा दिया था।
एक हार से जोकोविक का दौर खत्म नहीं हो जाता है। हो सकता है आने वालें समय में भी जोकोविक अपनी उसी उर्जा से फिर गैंडस्लैम टूर्नामेंट की ट्रॉफियां उठाते दिखें। लेकिन डेनियल मेदवदेव के कल के खेल ने और यूएस ओपन के खिताब़ ने यह बता दिया है की टेनिस में अब जोकोविक, फेडरर, नडाल के बाद के नए चैम्पियन का उदय हो चूका है और आने वालें समय में अब टेनिस कोर्ट को इनके तीनों के एकाधिकार से मुक्ति मिल गई है।