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Mohammed Siraj की दर्दनाक दास्तांन सुन बहने लगेगा आपकी आंखों से आंसूओं का सैलाब, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

 

Mohammed Siraj : भारत के लिए कई खिलाड़ी आए और चले गए लेकिन उनमें से कुछ ही खिलाड़ी ऐसे रहे जिनकी कहानी को हम हमेशा याद करते हैं. भारत के युवा गेंदबाज मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) भी उन्हीं में से एक हैं. तो आइए आज हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी घटनाओं के बारे में बताने वाले हैं जिनके बारे में शायद ही आपको पता हो.

आप अगर सपने देखने की चाह हो और हासिल करने की जिद्द, तो कोई भी राह मुश्किल नहीं होती. भारत के युवा उभरते हुए तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं. 13 मार्च, 1994 को हैदराबाद में जन्मे सिराज आज अपना 27 वां जन्मदिन मना रहे हैं. हालाँकि सिराज की क्रिकेट जर्नी किसी सपने से कम नहीं लगती है. कैसे एक ऑटो ड्राइवर के लड़के ने हाल के समय में क्रिकेट जगत में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कराया है. जानने की कोशिश करते हैं.

image credits: Mohmmed Siraj/Twitter

शुरूआती दिन

सिराज ने अपने क्रिकेट जीवन में कई उतार-चढाव देखें. उन्होंने सातवीं कक्षा से क्रिकेट खेलना शुरू किया, लेकिन आर्थिक समस्याओं की वजह से क्रिकेट अकादमी नहीं गए. वे टेनिस बॉल के साथ स्ट्रीट क्रिकेट खेलते थे और खेलने के लिए अक्सर बंक मारते थे. साल 2015 में जाकर बड़े लेवल पर खेलने का मौका मिला जब उनके मित्र ने चारमिनार क्रिकेट क्लब के नेट में गेंदबाजी करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया. उन्होंने एक मैच में पांच विकेट लिए और उनकी काबिलियत को देखते हुए जल्द ही राज्य के अंडर -23 के संभावित खिलाड़ियों में उनका नाम आ गया

घरेलू क्रिकेट में सिराज का बढ़िया प्रदर्शन

इसके बाद सिराज जोनल लेवल पर अच्छे प्रदर्शन के साथ लगातार मेहनत करते रहे. एक साल बाद 2016 में हैदराबाद के लिए रणजी डेब्यू किया लेकिन सिर्फ एक मुकाबला ही खेल सकें. साल 2016 का सीजन सिराज के करियर का टर्निंग पॉइंट बना जब उन्होंने हैदराबाद के लिए सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने का कारनामा किया. उन्होंने नौ मैचों में 18.92 की शानदार औसत से 41 विकेट लिए और 2016-17 सत्र में सबसे ज्यादा विकेट लेने की लिस्ट में तीसरे स्थान पर रहें.

अच्छे प्रदर्शन का फल सिराज को मिल गया और वो साल 2017 में दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए भारत A टीम का हिस्सा बनें. घरेलू सर्किट में उनका नाम छाया रहा. वह 2017-18 के विजय-हजारे ट्रॉफी में 23 विकेट के साथ सबसे ज्यादा आउट करने वाले गेंदबाज भी थें. 36 प्रथम श्रेणी मैचों में, सिराज ने 23.00 के औसत से 147 विकेट लिए हैं वही 41 लिस्ट ए मैचों में 23 की लाजवाब औसत से 81 विकेट झटक चुके हैं. टी 20 प्रारूप में भी उन्होंने 58 मैचों में 22.54 के औसत और 8.4 की इकॉनमी रेट के साथ 79 विकेट दर्ज किए हैं

घरेलू क्रिकेट में सिराज के प्रदर्शन को देखते हुए आईपीएल 2017 में सनराइजर्स हैदराबाद ने सिराज को 2.6 करोड़ की मोटी रकम पर ख़रीदा. उस सत्र में सिराज ने 6 मैचों में 21.2 की औसत से 10 विकेट भी लिए. हाल ही में ख़त्म हुए आईपीएल सीजन 13 में सिराज की गेंदों को स्विंग कराने की काबिलियत को सभी ने देखा. पिछले आईपीएल में सिराज आरसीबी की गेंदबाजी के अहम हिस्सा थें.

अंतराष्ट्रीय डेब्यू के तीन साल बाद चमकें सिराज

हालांकि सिराज ने भारत के लिए डेब्यू मुकाबला 2017 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 मैच से की, लेकिन प्रदर्शन साधारण रहा. तीन साल बाद ऐतिहासिक ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर सिराज का सितारा चमका और पूरे क्रिकेट जगत ने इस होनहार खिलाड़ी की काबिलियत का लोहा माना. दौरे से पहले पिता को खोने का गम मन में लिए सिराज ने हार नहीं मानी. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में प्रमुख गेंदबाज बुमराह और शमी की गैरमौजूदगी में खुद को स्थापित किया.

ब्रिसबेन जीत के मुख्य किरदार रहें सिराज

3 मैचों में 13 विकेट के साथ भारत के प्रमुख गेंदबाज के रूप में निखर कर आएं. इतना ही नहीं सिर्फ 2 टेस्ट मैचों का अनुभव लिए सिराज ने ऐतिहासिक ब्रिस्बेन टेस्ट की जीत में अहम भूमिका भी निभाई. एक युवा गेंदबाजी दल का नेतृत्व करते हुए सिराज ने मैच की पहली पारी में 5 विकेट हॉल अपने नाम दर्ज किया. उनके इस प्रदर्शन ने उन्हें हालिया समय में भारतीय टेस्ट टीम में अहम सदस्य के रूप में जगह दी है.

सिराज के हुनर और विपरित परिस्थितियों में भी लड़ने के उनके जज्बे ने विश्व क्रिकेट को उनका मुरीद बना दिया है. अपनी कठिनाइयों से पार पाके सिराज आज भारत के नए युवा चेहरा हैं जिनके संघर्षपूर्ण जीवन ने बहुत से नए खिलाड़ियों को राह दिखाई है.

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