भारत के कार्यवाहक कप्तान बोले मैच में “जो होना हैं, वह होगा ही”
भारत और न्यूजीलैंड की टीमों के बीच पहला टेस्ट 25 नवंबर से कानपुर के “ग्रीनपार्क स्टेडियम” में खेला जाना है। सीरीज के शुरुआती टेस्ट मैच में टीम इंडिया की कमान अजिंक्य रहाणे के पास है। अजिंक्य रहाणे ने टेस्ट क्रिकेट में पिछले एक साल से कोई शतकीय पारी नहीं खेल पाए हैं। उन्होंने टेस्ट मैच में आख़िरी शतक दिसंबर 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न के मैदान में लगाया था।अजिंक्य ने उसके बाद से उन्होंने 20 पारियां खेलीं, लेकिन एक में भी शतक नहीं लगा पाए। इस दौरान उनके बल्ले से सिर्फ एक अर्धशतक निकला। रहाणे ने इस साल में 11 टेस्ट मैचों में 19 के औसत से रन बनाए हैं।
लेकिन इसके विपरीत रहाणे अपनी फॉर्म को लेकर बिल्कुल भी परेशान नहीं हैं। यही नहीं, पहले टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर उनको अपनी खराब फॉर्म से संबंधित सवाल पूछना भी अच्छा नहीं लगा। उन्होंने कहा, मेरी फॉर्म के बारे में चिंताएं आधारहीन हैं। योगदान का मतलब हर मैच में टेस्ट शतक जमाना नहीं है।अजिंक्य ने कहा, ‘अपनी फॉर्म के बारे में चिंतित नहीं हूं। मेरा काम अपनी टीम के जितना संभव हो सके, उतना योगदान करना है। योगदान का मतलब यह नहीं है कि आपको प्रत्येक मैच में 100 रन बनाने की जरूरत है। प्रति पारी 30, 40, 50 रन का स्कोर भी महत्वपूर्ण योगदान हैं।’
हालांकि, रहाणे स्वीकार नहीं करेंगे, लेकिन वह जानते हैं कि जहां तक दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए चयन का संबंध है तो कानपुर और मुंबई (दूसरा टेस्ट) में खराब स्कोर से वह मुश्किल स्थिति में पहुंच सकते हैं। भविष्य के बारे में उनके विचार थे, ‘जो होगा सो होगा।’उन्होंने कहा, ‘भविष्य में क्या होना वाला है, मैं उसे लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हूं। भविष्य में जो होना होगा, वह होगा ही। मुझे वर्तमान में बने रहने की जरूरत है ताकि मैं इस समय अपना सर्वश्रेष्ठ दूं।’ यह पूछने पर कि क्या यह संभव है कि बल्लेबाज और कप्तान को अलग अलग करके देखा जाए।
तो उन्होंने कहा, ‘जब मैं बल्लेबाजी कर रहा होता हूं तो मेरा ध्यान सिर्फ बल्लेबाजी पर होता है और मैं उसी क्षण में होता हूं। यह इतना ही सरल है। जब मैं क्षेत्ररक्षण कर रहा होता हूं तो मैं सोच रहा होता हूं कि हमारी योजनायें किस तरह की हैं और रणनीति कैसी है।’विराट कोहली की गैरहाज़िरी में कार्यवाहक कप्तान के रूप में कप्तानी करने वाले रहाणे ने कहा कि नए कोच राहुल द्रविड़ ने उन्हें कोई विशेष गुर नहीं दिए हैं, बल्कि उन्हें चीजों को सरल रखने को कहा है क्योंकि वे काफी अनुभवी हैं। रहाणे ने कहा, ‘राहुल भाई ने हमें अपने मजबूत पक्षों का समर्थन करने और चीजें सरल रखने को कहा है।
उन्होंने कहा, ‘इसलिये चीजें सरल रखना और खुद का समर्थन करते रहना अहम है। हम ज्यादा चिंतित नहीं हैं।’ यही बात टीम के उप-कप्तान चेतेश्वर पुजारा ने मंगलवार को कही थीं। आमतौर पर भारतीय कप्तान ऐसा नहीं कहते, लेकिन रहाणे ने स्वीकार किया कि भारतीय बल्लेबाजों को भी स्पिनर्स के मुफीद पिचों पर मुश्किल होगी। हालांकि, वह ग्रीन पार्क की पिच को देखकर खुश दिख रहे थे।
यहां इस बात का भी जिक्र किया जाना चाहिए कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय पिचों पर रहाणे को भी स्पिनर्स के खिलाफ जूझना पड़ा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अयाज पटेल की स्पिन के खिलाफ कैसा प्रदर्शन करते हैं। रहाणे ने कहा, ‘भारतीय बल्लेबाजों के लिए भी स्पिनर्स के लिए मददगार पिचों पर खेलना चुनौतीपूर्ण है। हम इस तरह की विकेटों पर नहीं खेलते। बल्लेबाजों को मैदान पर जाकर इसका फायदा उठाना होगा। अगर हम टेस्ट मैच और सीरीज जीतते हैं तो हमें स्पिनर्स के मुफीद पिच की कोई चिंता नहीं है।’
उन्होंने पिच के बारे में कहा कि यह जैसा भी बर्ताव करेगी, हमारी टीम इसके अनुकूल प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी। रहाणे ने कहा, ‘हां, हम खुश हैं। मैं नहीं जानता कि विकेट किस तरह का व्यवहार करेगा। हमें जो भी विकेट मिलेगा, उसके अनुरूप ढलना होगा। हम इसके लिए तैयार हैं।’ केएल राहुल के चोटिल होने से श्रेयस अय्यर के लिए टीम में जगह बनाने के दरवाजे खुल गए हैं। वह अपना पहला टेस्ट मैच खेलेंगे।
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