"वह किस हवा में सांस ले रहा था?" रॉबिन्सन के पुराने विवादित ट्वीट पर हर्षा भोगले ने जांच की मांग की
इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच पहले टेस्ट का पहला दिन डेब्यू करने वाले खिलाड़ियों के नाम रहा. जहां न्यूजीलैंड के डेवोन कॉनवे ने लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में अपने पहले आउटिंग में शतक जमाया, वहीं इंग्लैंड के ओली रॉबिन्सन के पुराने ट्वीट्स, उनके दो विकेट के प्रदर्शन पर भारी पड़ गया.
जहां रॉबिन्सन के 'सेक्सिस्ट और नस्लवादी' ट्वीट ने प्रशंसकों को नाराज कर दिया है, वहीं मशहूर कमेंटेटर हर्षा भोगले ने क्रिकेटर के आसपास के माहौल की जांच के लिए कहा है जिसके कारण उन्होंने इस तरह के पोस्ट डाले.
जातिवाद एक सक्रीय समस्या है
जातिवाद सिर्फ क्रिकेट ही नहीं, बल्कि खेल में एक सक्रिय समस्या है. इंग्लैंड के ही तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने सोशल मीडिया पर बार-बार अपशब्द कहे जाने के स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं. ऑनलाइन दुरुपयोग के खिलाफ कड़ा संदेश देने के लिए इंग्लैंड क्रिकेट ने भी हाल ही में सोशल मीडिया का बहिष्कार किया था. फिर भी, यह राष्ट्रीय टीम का एक क्रिकेटर (ओली रॉबिनसन) है जो गलत कारणों से सुर्खियां बटोर रहा है.
"इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि रॉबिन्सन किशोर थे जब उन्होंने इस तरह के ट्वीट पोस्ट किए और तब सब से माफी मांगी."
रॉबिन्सन के आस-पास के माहौल की जाँच की जा सके
भोगले ने खुद खिलाड़ी को निशाना नहीं बनाते हुए रॉबिन्सन के आस-पास के माहौल का आह्वान किया जिसमें वह रहता था या अभी भी रह रहा है ताकि न केवल सतह पर, बल्कि जड़ से समस्या को हल करने के लिए जांच की जा सके.
हर्षा ने ट्वीट किया, “जब एक किशोर अपमानजनक, सेक्सिस्ट, नस्लवादी ट्वीट करता है, तो वह किस हवा में सांस ले रहा था? मेरा मानना है कि हमें इस बात की जांच करने की जरूरत है कि क्या खेल के इर्द-गिर्द कोई ऐसा माहौल है या नहीं, जहां ऐसा करना ठीक समझा गया.
एक क्रिकेटर के रूप में देखें
उधर क्रिकेट विशेषज्ञों ने भी रॉबिन्सन को सिर्फ एक क्रिकेटर के रूप में देखने का आह्वान किया, न कि नस्लवादी / सेक्सिस्ट व्यक्ति के रूप में, क्योंकि उन्होंने अतीत में की गई गलतियों के लिए माफी मांगी है.
हर्षा ने दूसरे ट्वीट में लिखा, "वैसे, यह रॉबिन्सन के बारे में नहीं है, बल्कि उस माहौल में प्रचलित माहौल के बारे में है जिसमें वह था. उसने माफी मांगी है, अब हम उसे एक क्रिकेटर के रूप में देखें."
By the way, this isn't about Robinson as much as it is about the atmosphere prevailing in the environment he was in. He has apologised, let us look at him as a cricketer now. https://t.co/66LIpUxTm4
— Harsha Bhogle (@bhogleharsha) June 3, 2021
क्या था मामला?
रॉबिन्सन ने पहले दिन के खेल के समापन के बाद एक बयान में कहा, "अपने करियर के अब तक के सबसे बड़े दिन पर, मैं आठ साल पहले मेरे द्वारा पोस्ट किए गए नस्लवादी और सेक्सिस्ट ट्वीट्स से शर्मिंदा हूं, जो आज सार्वजनिक हो गए हैं. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं नस्लवादी नहीं हूं और मैं सेक्सिस्ट नहीं हूं,"
वही पर ईसीबी प्रमुख ने पुष्टि की है कि ट्वीट्स 8 साल पहले पोस्ट किए गए थे, लेकिन रॉबिन्सन को अभी भी उन शब्दों के लिए फटकार लगाई जा सकती है.