क्या है स्‍ट्रेस फ्रैक्‍चर, क्या ये कर सकता है बुमराह के करियर को तबाह, जानें डॉक्टर ने क्या कहा..

 
क्या है स्‍ट्रेस फ्रैक्‍चर, क्या ये कर सकता है बुमराह के करियर को तबाह, जानें डॉक्टर ने क्या कहा..

जसप्रीत बुमराह  (Jasprit Bumrah) टी20 वर्ल्ड कप 2022 (T20 world cup 2022) की टीम से स्ट्रेस फ्रैक्चर के चलते बाहर हो गए हैं. बुमराह जुलाई के बाद से ही बैक इंजरी से जूझ रहे थे. जिसके बाद अब सवाल उठने लगा है कि बुमराह स्ट्रेस फ्रैक्चर से उभर कर कब तक टीम इंडिया में वापस लौटेंगे. इसके साथ ही आपमें से कही लोग जानना चाह रहे लोंगे कि ये स्ट्रेस फ्रैक्चर क्या है तो आज हम आपको इससे जुड़ी सभी बातों के बारे में बताने वाले हैं.

क्या है स्ट्रेस फ्रैक्चर

हमारी हड्ड‍ियां जिंदा टिश्‍यू के सामान हैं. ऐसी हालत में अगर हड्ड‍ियां पर अत्‍यधिक दबाव आता है. जिससे ज्‍वलनशील कोशिकाओं का बढ़ना और हड्ड‍ियों में सूजन आ जाती है. इस स्थिति को बोन स्‍ट्रेस इंजरी या स्‍ट्रेस रिएक्‍शन कहते हैं. स्‍ट्रेस रिएक्‍शन का जब ध्यान ना दिया जाए तो ऐसी स्थिति में हड्डी की बाहरी मोटी परत- कॉर्टेक्‍स फट जाती है. हड्डी की इसी चोट को स्‍ट्रेस फ्रैक्‍चर कहते हैं.

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  • हड्डी में छोटी दरार हो जाती है
  • एथलीट और खिलाड़ियों में आम
  • लापरवाही नहीं की जा सकती
  • आराम की सख्त हिदायत
  • सर्जरी की जरूरत नहीं
  • 6-8 हफ्ते लगते हैं
  • सबसे अच्छा इलाज रेस्ट
क्या है स्‍ट्रेस फ्रैक्‍चर, क्या ये कर सकता है बुमराह के करियर को तबाह, जानें डॉक्टर ने क्या कहा..

स्‍ट्रेस फ्रैक्‍चर होने की क्या होती है वजह

स्‍ट्रेस फ्रैक्‍चर का संबध हड्डी पर अचानक से लगने वाली ताकत से जुड़ा हुआ है. जब हड्डी के उस हिस्‍से पर लोड पड़े जो लगाई गई ताकत को अब्‍जॉर्ब और ट्रांसमिट ना कर सके तो ऐसे में स्‍ट्रेस फ्रैक्‍चर हो जाता है.

स्‍ट्रेस फ्रैक्‍चर गेंदबाजी करते समय फ्रंट फुट पर बहुत ज्‍यादा दबाव पड़ता है से भी हो जाता है. कुछ लोगों में खराब बोन डेंसिटी के चलते विटामिन डी और कैल्शियम का पर्याप्‍त अब्‍जॉर्बशन/प्रोडक्‍शन नहीं होता है. ये भी इसका एक कारण हो सकता है.

डॉक्टर ने स्ट्रेस फैक्चर को करियर के लिए बाताया..

बुमराह को हुए इस स्ट्रेस फैक्चर के बारे में आईसीसी मेडिकल सलाहकार कमिटी में शामिल डॉक्टर डिनशॉ पराडिवाला ने बताया कि, पीठ का स्ट्रेस फ्रैक्चर करियर के लिए खतरा और करियर का अंत नहीं हैं. इसे ठीक होने में काफी टाइम लगता है. इसका प्रोसेस ही धीमा होता है.

दवा लेकर खेलना क्या विकल्प नहीं..

खिलाड़ी अगर कुछ स्ट्रॉन्ग दर्द निवारक दवा लेकर खेल सकते हैं लेकिन इससे वो अपनी चोट को और भी खराब कर लेंगे. मैदान पर खेलते समय वो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे.

कैसे होगा इसका इलाज

इसके इलाज में आराम एक जरूरी दवा है. स्‍ट्रेस इंजरी में उम्र भी एक अहम फैक्‍टर है. स्‍ट्रेस फ्रैक्‍चर को ठीक होने में चार से छह सप्‍ताह लग सकते है. एक बार स्‍ट्रेस फ्रैक्‍चर से जूझने वाले को दोबारा यह फ्रैक्‍चर होने का खतरा अधिक रहता है.

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