मेटा (Meta) के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) को रूसी विदेश मंत्रालय ने देश में प्रवेश करने से रोक दिया है. जुकरबर्ग के साथ ही अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को भी देश में प्रवेश करने से रोक दिया गया है. रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि जुकरबर्ग, हैरिस और अन्य पर अनिश्चित काल के लिए प्रतिबंध लगाया जाएगा.
जिन लोगों के रूस में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें Linkedin के सीईओ रयान रोसलांस्की के साथ-साथ ऐसे पत्रकार भी शामिल हैं, जिनके बारे में देश का दावा है कि वे “रूसफोबिक” एजेंडे को बढ़ावा दे रहे हैं.
दिलचस्प बात यह है कि पराग अग्रवाल, जो Twitter के सीईओ हैं, को मंत्रालय ने प्रतिबंधित नहीं किया था. ट्विटर रूसी अधिकारियों द्वारा पोस्ट की गई गलत सूचनाओं को हटा रहा है.
यह चौंकाने वाली बात नहीं है कि रूस ने जुकरबर्ग को देश में प्रवेश करने से रोक दिया है क्योंकि रूस ने पहले चरमपंथ कानून के तहत फेसबुक और इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध लगा दिया था.
रूस में व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले ऐप फेसबुक और इंस्टाग्राम पर “चरमपंथी गतिविधियों को अंजाम देने” का आरोप लगाया गया था. हालांकि रूस ने Whatsapp पर प्रतिबंध नहीं लगाया, जो कि एक अन्य फेसबुक इकाई है, यह कहते हुए कि ऐप का उपयोग संचार के लिए किया जाता है और यह गलत संचार का स्रोत नहीं है.
एफएसबी के प्रतिनिधि इगोर कोवालेव्स्की ने अदालत को बताया, “Meta की गतिविधियां रूस और उसके सशस्त्र बलों के खिलाफ निर्देशित हैं. व्यक्तियों और कानूनी संस्थाओं द्वारा मेटा के प्रोडक्ट्स के उपयोग को चरमपंथी गतिविधियों में भागीदारी के रूप में नहीं माना जाना चाहिए, व्यक्तियों को मेटा की सेवाओं का उपयोग करने के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जाएगा.”
मेटा ने कुछ समय के लिए यूजस को इंस्टाग्राम के साथ-साथ फेसबुक पर पुतिन की मौत के लिए कॉल करने की अनुमति दी थी. हालांकि फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध लगाने के तुरंत बाद निर्णय रद्द कर दिया गया था.
Meta ने अपने कर्मचारियों को एक आंतरिक ईमेल में कहा कि नए मॉडरेशन नियम को “सामान्य रूप से रूसियों के खिलाफ हिंसा को माफ करने के रूप में व्याख्या नहीं किया जाना चाहिए.”
हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि मेटा देश के प्रमुख की हत्या के लिए कॉल की अनुमति नहीं देता है.” पिछले हफ्ते, मेटा ने रूस, यूक्रेन, जॉर्जिया और पोलैंड, पूर्वी यूरोप में यूजर्स को पुतिन की मौत के लिए पोस्ट करने की अनुमति दी थी. जिस समय रूस में फोटो-शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध लगा था, उस समय इसके करीब 80 मिलियन यूजर्स थे.