BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है और ये कैसे काम करता है? जानें एंड्रॉइड से कैसे है अलग
BharOS: एंड्रॉइड स्मार्टफोन में ये ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है.ये स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS है. इससे भारत के करोड़ों लोगों को फ़ायदा मिलता है. IIT मद्रास ने स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम पेश किया है. इससे आपकी प्राइवेसी पूरी तरह सेफ रहेगी. ये ऑपरेटिंग सिस्टम हाईटेक है और यूजर्स को ज्यादा कण्ट्रोल और फ्लेक्सिबिलिटी देते हैं.
BharOS क्या है?
इसे 'भरोस' भी कहा जाता है, एक स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है. यह हाईटेक सिक्योरिटी और प्राइवेसी के साथ आता है. इस मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को IIT मद्रास के इनक्यूबेटेड फर्म द्वारा विकसित किया गया है. इस सॉफ्टवेयर को कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ हैंडसेट पर इंस्टॉल किया जा सकता है. यह किसी भी थर्ड-पार्टी ऐप को डाउनलोड करने की अनुमति नहीं देगा. नए OS के स्वदेशी होने का दावा किया गया है. यह पीएम नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन से प्रेरित है.
स्वदेसी ओएस से क्या सेफ्टी मिलेगी?
भरोस ऑपरेटिंग सिस्टम प्राइवेट एप स्टोर सर्विस (PASS) से विश्वसनीय एप्स को ही एक्सेस देता है. ये उन एप्स को क्यूरेटेड लिस्ट तक पहुंचने की अनुमति देता है, जिन्हें पूरी तरह से जांचा गया है. ये सुरक्षा और गोपनीयता स्टैंडर्ड को पूरा किया है. यूजर्स अपने डिवाइस में जो एप इंस्टॉल कर रहे हैं वे उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं और प्राइवेसी संबंधी चिंताओं के लिए टेस्ट किए गए हैं.
कैसे काम करता है भरोस?
ये यूजर्स को उनकी जरूरतों के हिसाब से एप चुनने और उपयोग करने की परमिशन देता है. फिलहाल स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम भरोस उन्हें इस्तेमाल करने को दिया गया है जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है.
ये नो डिफॉल्ट एप्स (NDA) के साथ आता है. इसका अर्थ है कि यूजर्स को उन एप्स का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं किया जाता, जिनसे वे परिचित नहीं है या जिन्हें वे सिक्योरिटी के लिहाज से सुरक्षित नहीं मानते हैं और उन एप पर भरोसा नहीं कर सकते हैं.
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