अल्लामा इक़बाल के 10 चुनिंदा शेर

Allama Iqbal Shayari: 'ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि...'

"खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले, खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।"

"दिल को छू जाने वाली बातें रखी है दिल में, हर बार नए रंग भर देती है ये मोहब्बत की बारिश।"

"सितारों से आगे जहाँ और भी है, अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं।"

"नशा पिला के गिराना तो सब को आता है, मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी।"

"माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं, तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतज़ार देख।"

"तेरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ, मेरी सादगी देख क्या चाहता हूँ।"

"मोहब्बत की आग में जलते हुए सीखो, कि रोशनी की ज़रूरत होती है अंधेरे से।"

"दिल की किताब में जो ख़्वाब छुपे हैं ज़रूरी, उन्हें पढ़ने का दिल में हो जुनून होना चाहिए।"

"जरूरत पड़े तो उठा लेना इश्क की गहराइयो से आवाज,मैं हवाओं में छिपा हूँ जमीन पर नहीं आता।"

"आईना ख़ुद में जो देख वही है ख़ुदा की मोहब्बत, अगर अपनी पहचान बना ले तो रहेगा अमर हमेशा।"