महाराष्ट्र के पारंपरिक सोने के आभूषण जो देंगे रॉयल लुक
कोल्हापुरी साज विवाह का प्रतीक, कोल्हापुरी साज महाराष्ट्र की विवाहित स्त्रियों द्वारा पहना जाता है ।
इसे दूल्हे का परिवार उपहारस्वरूप देता है।
इसका कोल्हापुरी साज नाम इसलिए है, क्योंकि इसके डिजाइन के तार कोल्हापुर से जुड़े हैं।
इस हार में 21 लटकनें होती हैं बीच की मुख्य लटकन को 'साज-घट' के नाम से जाना जाता है।
कोल्हापुरी साज इस साज-घट और सोने के अन्य लटकनों से मिलकर बना होता है।
इसकी 21 लटकनें पत्तियों के आकार की होती हैं।
इन 21 लटकनों में से 10 भगवान विष्णु के दस अवतारों का, और 8 शुभकामनाएं (अष्टमंगल) का प्रतीक हैं, 1 एक ताविज़ (बुराई से बचाने के लिए) है और शेष 2 रूबी और पन्ना हैं।
लक्ष्मी हार
इसे पुतली हार, सिक्का हार, या मंदिर हार के रूप में भी जाना जाता है।
लक्ष्मी हायर में रेशम के धागे से सोने के सिक्के पिरोए होते हैं।
सिक्कों पर धन की देवी लक्ष्मी के विविध रूपाकार बने होते हैं।
यह 17वीं शताब्दी से महाराष्ट्र की महिलाओं के आभूषणों का एक अभिन्न हिस्सा रहा है।
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