जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता

मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है किसी का भी हो सर क़दमों में सर अच्छा नहीं लगता

ऊँची इमारतों से मकाँ मेरा घिर गया कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए 

मैं पा सका न कभी इस ख़लिश से छुटकारा वो मुझ से जीत भी सकता था जाने क्यूँ हारा

याद उसे भी एक अधूरा अफ़्साना तो होगा कल रस्ते में उस ने हम को पहचाना तो होगा 

बहाना ढूँडते रहते हैं कोई रोने का हमें ये शौक़ है क्या आस्तीं भिगोने का 

6. मलेशिया सरकार ने साल 2005 में वैलेंटाइन डे के खिलाफ फतवा जारी किया इसलिए यहां भी इसे नहीं मना सकते.