ख़ुमार बाराबंकवी के 10 चुनिंदा शेर
Khumar Barabankavi Shayari: 'न हारा है इश्क़ और न दुनिया थकी है...'
Tanya Pundir
Sat, 07 Oct 2023
"न हारा है इश्क़ और न दुनिया थकी है, दिया जल रहा है हवा चल रही हैं।"
"गुज़रता है हर शख़्स चेहरा छुपाए, कोई राह में आईना रख गया हैं।"
"उन मस्त-मस्त आँखों में आँसू अरे ग़ज़ब, ये इश्क़ है तो क़हर-ए-ख़ुदा चाहिए मुझे।"
"दो परिंदे उड़े आंख नम हो गई, आज समझा कि मैं तुझ को भूला नहीं।"
"मोहब्बत को समझना है तो नसे खुद मोहब्बत कर, किनारे से कभी अंदाज़ा-ए-तुफ़ान नहीं होता।"
"जान-ए-बहार फूल नहीं आदमी हूं मैं, आ जा कि मुस्कुराए ज़माने गुज़र गए।"
"ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही, जज़्बात में वो पहली सी शिद्दत नहीं रही।"
"दुश्मनों से प्यार होता जाएगा, दोस्तों को आज़माते जाइए।"
"चराग़ों के बदले मकाँ जल रहे है, नया है ज़माना नई रौशनी हैं।"
"खुदा बचाये तेरी मस्त-मस्त आँखों से, फ़रिश्ता हो तो बहक जाए आदमी क्या हैं।"