1. कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता 

2. हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी जिस को भी देखना हो कई बार देखना 

3. धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो 

4. घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए 

5. बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे 

6. दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्ता दिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिए