साहिर लुधियानवी के 10 मशहूर शेर
Sahir Ludhianvi Death Anniversary: 'कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है...'
Tanya Pundir
Wed, 25 Oct 2023
साहिर लुधियानवी का निधन 25 अक्टूबर, 1980 को मुंबई में हुआ था।
"कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है, ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है।"
"ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहां, मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया।"
"अरे ओ आसमां वाले बता इस में बुरा क्या है, ख़ुशी के चार झोंके गर इधर से भी गुज़र जाएं।"
"आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें, हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं।"
"गर ज़िंदगी में मिल गए फिर इत्तिफ़ाक़ से, पूछेंगे अपना हाल तेरी बेबसी से हम।"
"देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से, चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से।"
"पेड़ों के बाज़ुओं में महकती है चांदनी, बेचैन हो रहे हैं ख़यालात क्या करें।"
"साँसों में घुल रही है किसी साँस की महक, दामन को छू रहा है कोई हाथ क्या करें।"
"कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया, बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया।"
"बर्बादियों का सोग मनाना फ़ुज़ूल था, बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया।"