सावन के दिनों में क्यों और कब से निकाली जा रही है कांवड़ यात्रा?

धर्म

सावन के दिनों में सबसे पहले कावड़ भगवान परशुराम के द्वारा लाई गई थी.

भगवान परशुराम ने भगवान शिव को खुश करने के लिए कावड़ में गढ़मुक्तेश्वर के गंगाजल को भरकर उनका जलाभिषेक किया था.

सावन के दिनों में कांवड़ यात्रा लंकापति नरेश रावण के द्वारा शुरू की गई थी.

जब समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव ने विष पान किया था.

उस दौरान शिवजी के गले में तीव्र जलन होने लगी थी.

जिसके चलते उनके परम भक्त रावण ने कांवड़ में जल ले जाकर उनका जलाभिषेक किया था.

श्रवण कुमार ने अपने नेत्रहीन माता-पिता को कावड़ पर बैठाकर गंगा स्नान कराया था.

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