शकील बदायुनी के 10 चुनिंदा शेर

Shakeel Badayuni shayari in hindi: 'इक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताज-महल...'

"इक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताज-महल, सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है।"

"ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया, जाने क्यूं आज तिरे नाम पे रोना आया।"

"काँटों से गुज़र जाता हूँ दामन को बचा कर, फूलों की सियासत से मैं बेगाना नहीं हूँ।"

"ये ख़ुनुक-ख़ुनुक हवाएं ये झुकी-झुकी घटाएं, वो नज़र भी क्या नज़र है जो समझ न ले इशारा।"

"गुलशन हो निगाहों में तो जन्नत न समझना, दम-भर की इनायत को मोहब्बत न समझना।"

"उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद, वक़्त कितना क़ीमती है आज कल।"

"नई सुब्ह पर नज़र है मगर आह ये भी डर है, ये सहर भी रफ़्ता रफ़्ता कहीं शाम तक न पहुँचे।"

"मुझे दोस्त कहने वाले ज़रा दोस्ती निभा दे,ये मुतालबा है हक़ का कोई इल्तिजा नहीं है।"

"तुम फिर उसी अदा से अंगड़ाई ले के हँस दो, आ जाएगा पलट कर गुज़रा हुआ ज़माना।"

"अब तो ख़ुशी का ग़म है न ग़म की ख़ुशी मुझे, बे-हिस बना चुकी है बहुत ज़िंदगी मुझे।"