1. शालिग्राम पत्थर करीब 600 साल पुराने हैं, जिनसे अब रामलला और माता सीता की मूर्तियां बनेंगी.
2. माता तुलसी द्वारा दिए गए श्राप से भगवान विष्णु शालिग्राम पत्थर बन गए थे.
3. इसलिए शालिग्राम पत्थरों को साक्षात भगवान विष्णु का वास माना गया है.
4. ब्रह्मा को शंख, शिव को शिवलिंग और विष्णु को शालिग्राम के तौर पर पूजा जाता है.
5. शालिग्राम पत्थरों पर गदा, शंख, सुदर्शन चक्र आदि के निशान पाए जाते हैं.
6. शालिग्राम कुल 33 प्रकार के होते हैं, जिनमें से पीले और सुनहरे रंग के शालिग्राम काफी पूजनीय हैं.
7. शालिग्राम के माध्यम से वैष्णव जन ईश्वर का आह्वान करते हैं.
8. शालिग्राम को स्वयंभू के तौर पर पूजा जाता है, जिनको पूजने से व्यक्ति को तीर्थ के बराबर फल मिलता है.