European Countries में छिड़ी भारत को लेकर बहस, जर्मनी ने कही ये बात
रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन के पक्ष में भारत, वियतनाम और साउथ अफ्रीका जैसे देशों का समर्थन हासिल नहीं करने से यूरोपीय देशों (European Countries) में बहस छिड़ गई है. इसी कड़ी में जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ शॉल्त्स (Olaf Scholaz) ने एक भाषण में कहा है कि भारत, दक्षिण अफ़्रीका और वियतनाम जैसे देश यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस की आलोचना करने से झिझकते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों को बराबरी से लागू नहीं किया जाता है.
बता दें कि रूस और यूक्रेन (Russia - Ukraine War)के बीच लगभग एक साल से खूनी जंग जारी है. भारत ने अभी तक एक बार भी रूस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाए गए किसी प्रस्ताव में भाग नहीं लिया है.वियतनाम और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों ने भी रूस के खिलाफ किसी भी प्रस्ताव में वोटिंग नहीं की है. वहीं, जर्मनी समेत सभी यूरोपीय देश खुलकर यूक्रेन का समर्थन करते हैं.
पश्चिम के दोहरे मापदंडों का होना चाहिए अंत
ग्लोबल सॉल्यूसंश के 'द वर्ल्ड पॉलिसी फोरम' (The World Policy Forum) कार्यक्रम में बोलते हुए ओलाफ़ शॉल्त्स ने कहा, "जब मैं इन देशों के नेताओं से बात करता हूँ तो कई मुझे ये भरोसा देते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के मूलभूत सिद्धांतों पर सवाल नहीं उठा रहे हैं. उनकी चिंता यह है कि ये सिद्धांत समान रूप से लागू नहीं होते."शॉल्त्स ने कहा, "वो चाहते हैं कि बराबरी की शर्तों पर प्रतिनिधित्व हो और पश्चिम (European Countries) के दोहरे मापदंडों का अंत हो."
Olaf Scholaz ने साधा European Countries पर निशाना
शॉल्त्स ने कहा, "अगर देशों को ये लगेगा कि हम सिर्फ़ उनके कच्चे माल में रूचि ले रहे हैं या संयुक्त राष्ट्र के किसी प्रस्ताव पर उनका समर्थन चाहते हैं, तब हमें उनके सहयोग नहीं मिलने पर हैरान नहीं होना चाहिए."उन्होंने कहा, "मुझे ग़लत मत समझिए- मैं ये नहीं कह रहा हूं कि ये दावें हमेशा उचित होते हैं. लेकिन अगर हम एशिया, अफ़्रीका और लातिन अमेरिका के शक्तिशाली देशों को एक स्थिर वैश्विक व्यवस्था स्थापित करने में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं तो हमें इनका समाधान करना होगा."
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