Divorce: बीवी से तलाक लेकर पति हुआ मालामाल, 66 करोड़ का मिला पैकज, हर साल 61 लाख रुपए भी मिलेंगे

 
Divorce: बीवी से तलाक लेकर पति हुआ मालामाल, 66 करोड़ का मिला पैकज, हर साल 61 लाख रुपए भी मिलेंगे

Divorce: अरबपतियों के तलाक के मामले आपने सुने होंगे। किसी ने पत्नी को अरबों दिए तो किसी ने करोड़ों। एक समय दुनिया के सबसे अमीर रहे जेफ बेजोस ने जब पत्नी मैकेंजी से रिश्ता तोड़ा तो 38 अरब डॉलर यानी तकरीबन 2.6 लाख करोड़ रुपये दिए। 2016 में सू ग्रॉस ने अपने पति बिल से तलाक लिया तो उन्हें 1.3 अरब डॉलर की संपत्ति मिली। कसीनो के दिग्गज एलेन विन ने बीवी को तलाक दिया तो एलेन विन को करीब 795 मिलियन डॉलर के शेयर मिले, लेकिन यह कहानी बिल्कुल उलट है। इसमें बीवी अपने पति को भारी भरकम रकम देने जा रही है।

मामला लंदन के एक बिजनेस घराने का

लुईस बैकस्ट्रॉम और मार्टिन वेनबर्ग की शादी छह साल पहले हुई थी। मामला कोर्ट पहुंचा तो वेनबर्ग ने कहा कि उन्हें 4 अरब रुपए चाहिए। इसके लिए उन्होंने तमाम तरह के तर्क गिनाए। बीवी की कंपनी में काम करने की दलीलों का भी हवाला दिया, लेकिन अदालत ने उनकी मांग ठुकरा दी। फिर भी उच्च न्यायालय के उप न्यायाधीश लेस्ली सैमुअल्स ने कहा कि शादी के पूर्व की शर्तों के हिसाब से ही पैसा देना होगा।

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बीवी के पास हैं 25 अरब की संपत्ति

अदालत ने बैकस्ट्रॉम को आदेश दिया कि वह अलग रह रहे अपने पति को 6.5 मिलियन पाउंड (करीब 66 करोड़ रुपये) का पैकेज दें। साथ ही, उनके रोजाना के खर्च के लिए 60,000 पाउंड यानी तकरीबन 61 लाख रुपए हर साल उन्हें देती रहें। बता दें कि जब शादी हुई तो बैकस्ट्रॉम बिल्टिमा फाउंडेशन की अध्यक्ष थीं। बिर्गमा होल्डिंग्स (हांगकांग) लिमिटेड में भी उनके शेयर थे। यह दोनों कंपनियां उनके दादा ने शुरू की थीं। मौजूदा समय में उनके पास लगभग 25 अरब रुपए की संपत्ति है, जबकि वेबवर्ग की संपत्ति सिर्फ 2 करोड़ रुपए थी।

सामान्‍य नहीं था दोनों का रिश्ता

कोर्ट ने कहा कि दोनों की शादी थी लेकिन दोनों का रिश्ता सामान्‍य नहीं था. अलग-अलग रहते थे। अलग अलग पार्टियां करते थे। जज ने कहा कि वेनबर्ग ने ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया कि उनकी संपत्‍त‍ि तब इतनी ज्‍यादा थी कि इतने ज्‍यादा पैसों के हकदार बन सकें। उन्‍होंने अपनी वित्‍तीय स्‍थ‍ित‍ि का कभी खुलासा नहीं किया। बार-बार उनसे जानकारी मांगी गई लेकिन उन्‍होंने मुहैया नहीं कराई। बैकस्‍ट्राम ने इसे अदालत की अवमानना करार देते हुए सजा तक देने की मांग की थी।

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