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Pakistan में आतंकवाद को लेकर सड़कों पर उतरे लोग, कई सियासी दलों ने निकाली रैलियां

 

Pakistan Terrorism Issue: पाकिस्तान में हाल ही में हुई पेशावर मस्जिद ब्‍लास्‍ट (Peshawar Mosque Blast) की घटना पर स्‍थानीय लोगों रोष जताते हुए सड़कों पर उतरे. बता दें कि 30 जनवरी को मस्जिद में हुए आत्‍मघाती हमले में 100 से ज्‍यादा लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद आमजन शुक्रवार को सड़कों पर उतरे और कई सियासी दलों ने रैलियां भी निकालीं.बता दें कि पिछले कुछ महीनों में पाकिस्‍तान के कई हिस्‍सों में कट्टरपंथियों के हमले बढ़ गए हैं.

https://twitter.com/PTIofficial/status/1621481491149606918?s=20&t=duRPyXjIzCq1WEh-MIr4fQ

Pakistan में कई सियासी दलों ने की रैलियां

शांगला जिले में शुक्रवार को स्थानीय संगठनों द्वारा कई रैलियों का आयोजन किया गया. वहीं, पीटीआई, पीपीपी, अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) और अन्य सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेतृत्व ने भी रैलियों को संबोधित किया. इस दौरान सफेद झंडे लिए नेताओं ने पेशावर में 30 जनवरी को हुए भयानक विस्फोट के पीड़ितों के लिए न्याय और क्षेत्र में स्थायी शांति की मांग की.

https://twitter.com/MuradSaeedPTI/status/1621509129432084485?s=20&t=duRPyXjIzCq1WEh-MIr4fQ

एएनपी नेता मुहम्मद यार खान ने कहा कि पेशावर त्रासदी "सबसे बड़ी सुरक्षा चूक" थी. उन्‍होंने सवाल किया कि कैसे एक आत्मघाती हमलावर इतने संवेदनशील क्षेत्र में प्रवेश करने में सफल रहा. उन्होंने कहा कि सड़कों पर उतरने का हमारा एकमात्र उद्देश्य "आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और क्षेत्र में पूर्ण शांति बहाल करना" है. 

वहीं पीपीपी के एक स्थानीय नेता गुलाममुल्ला ने कहा, "पुलिस का खून इतना सस्ता नहीं है कि अधिकारी सड़कों या मस्जिदों में मारे जाएं. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आतंकवाद के कारण सैकड़ों पुलिस अधिकारियों ने अपनी जान गंवाई है. उन्‍होंने कहा, "अगर प्रांत में पुलिस सुरक्षित नहीं है, तो लोगों की सुरक्षा कौन करेगा?"

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