पाकिस्तानः बलूच विद्रोहियों ने मोहम्मद अली जिन्ना की मूर्ति को बम से उड़ाया,चीन के समर्थन वाली परियोजना का विरोध कर रहे हैं।
भारत के कश्मीर की तरह पाकिस्तान के बलूचिस्तान भी विवादित है। बलूचिस्तान के अधिकांश नागरिक स्वयं एक राष्ट्र या किसी अन्य देश में विलय होना चाहता है।
बलूचिस्तान पाकिस्तान का पश्चिमी प्रांत है। 1944में बलूचिस्तान के स्वतंत्रता का विचार जनरल मनी के विचार में आया था पर 1947 में ब्रिटिश इशारे पर इसे पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया। 1970 के दशक में एक बलूच राष्ट्रवाद का उदय हुआ जिसमें बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र करने की माँग उठी।
बलूच विद्रोहियों ने ग्वादर में लगाई गई पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की मूर्ति को बम से उड़ा दिया है। खबरों के मुताबिक ये बलूच विद्रोही चीन के समर्थन वाली सीपीईसी परियोजना का विरोध कर रहे हैं।
बलूचिस्तान के पूर्व गृह मंत्री और वर्तमान सीनेटर सरफराज बुगती ने इस मसले पर ट्वीट किया, ‘ग्वादर में कायदे आजम की मूर्ति नष्ट करना पाकिस्तान की विचारधारा पर हमला है। मैं अधिकारियों से अपराधियों को उसी तरह से दंडित करने का अनुरोध करता हूं जैसे हमने जियारत में कायदे आजम निवास पर हमले के लिए किया था।’
मोहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान का कैद-ए-आजम भी कहा जाता है। वह एक मुस्लिम नेता और ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के नेता थे, जिन्होंने पाकिस्तान की स्थापना की और पहले गवर्नर जनरल के तौर पर अपनी सेवा दी।
इससे पहले साल 2013 में, बलूच आतंकवादियों ने जियारत में 121 साल पुरानी इमारत में विस्फोट कर दिया था, जिसमें कभी जिन्ना रहा करते थे। हालांकि बाद में इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया था।